जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
स्वतंत्रता सेनानी कल्याण बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष सुशील चंद रत्न के निधन पर हिमाचल प्रदेश स्वतंत्रता सेनानी संगठन ने गहरा दुख व्यक्त किया है। संगठन की प्रदेश अध्यक्ष प्रेम देवी शास्त्री ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी पं. सुशील रतन की कमी हमेशा खलती रहेगी। उन्होंने कहा कि पं. रतन ने स्वतंत्रता सेनानियों को मिलने वाली सुविधाओं को दिलाने में भी अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि पं. रतन स्वतंत्रता आंदोलन के पुरोधा थे। उनके निधन से समस्त ब्राह्मण वर्ग व आम जनमानस को भारी क्षति पहुंची है । उन्होंने कहा कि पं. रतन का भारत को स्वतंत्रता दिलाने में अविस्मरणीय योगदान रहा है जो हमेशा स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाता रहा है। उन्होंने बताया कि अखिल भारतीय स्वतंत्रता सेनानी संगठन के अध्यक्ष एम आर मठाडू ने भी अपने सभी आल इंडिया की 11 सदस्यीय कमेटी के साथ इस दुख की घड़ी में उनके परिवार को इस क्षति को सहन करने की शक्ति देने की भगवान से प्रार्थना की है। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश स्वतंत्रता सेनानी आश्रितों ने भी इस निधन पर शोक जताया है। उन्होंने बताया कि स्वतंत्रता सेनानी कल्याण बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष सुशील चंद रत्न वर्ष 1985 से 1990 तक खादी कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष रहे। इसके बाद वर्ष 2003 से 2007 तक उन्हें स्वतंत्रता सेनानी कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष का जिम्मा दिया गया, इसके बाद वह 2013 से 2017 तक फिर से इसी पद पर आसीन रहे। वर्तमान में भी वह भारत सरकार के गह मंत्रालय के तहत स्वतंत्रता सेनानी कल्याण के लिए बनी छह सदस्सीय समीति के सदस्य पद पर आसीन थे। उनके बेटे संजय रत्न भी ज्वालामुखी से कांग्रेस के विधायक रहे हैं। 31 मार्च 1924 को जन्में सुशील रत्न पब्लिक रिलेशन ऑफिसर के पद से वर्ष 1982 में रिटायर होने के बाद से ही राजनीति में आ गए व उन्होंने 1985 व 1990 में कांग्रेस टिकट पर ज्वालामुखी से विधानसभा का चुनाव लड़ा, पर दोनों ही मर्तबा वह जीत दर्ज नहीं करवा सके।