जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
सरकार ने हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को भंग कर दिया है। सड़क हादसे रोकने का जिम्मा लीड एजेंसी सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ को दिया गया है। ये निर्णय बुधवार को शिमला मंं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए। बैठक में ट्रिब्यूनल बंद करने पर मुहर लगा दी गई। अब ट्रिब्यूनल को बंद करने का प्रस्ताव औपचारिक मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। केंद्र से मंजूरी मिलते ही ट्रिब्यूनल का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को न्याय पाने के लिए अब प्रदेश उच्च न्यायालय जाना होगा। ट्रिब्यूनल कर्मचारियों से जुड़े मामलों की सुनवाई कर रहा था। भाजपा सरकार ने दूसरी बार ट्रिब्यूनल को बंद करने का फैसला लिया है। इससे पूर्व धूमल सरकार ने भी ट्रिब्यूनल को भंग करने का कड़ा फैसला लिया था। सत्ता में वापसी करते ही तत्कालीन वीरभद्र सरकार ने इसे पलट दिया था। बहाली के दौरान उच्च न्यायालय से 17 हजार मामले सुनवाई के लिए ट्रिब्यूनल के पास आए थे। लेकिन मौजूदा भाजपा सरकार ने रिक्त पदों पर नियुक्तियां नहीं करके ट्रिब्यूनल को बंद करने के संकेत दिए थे।