जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
प्रदेश सरकार मण्डी ज़िला के जंजैहली क्षेत्र को ईको पर्यटन की दृष्टि से, कांगड़ा ज़िला के बीड़-बिलिंग को पैराग्लाईडिंग और साहसिक खेलों के गंतव्य के रूप में, पौंग बांध को जल क्रीड़ा गंतव्य और शिमला ज़िला के चांशल क्षेत्र को शीतकालीन खेलों तथा स्कीईंग के पसंदीदा गंतव्य के रूप में विकसित करेगी। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां ‘नई राहें, नई मंजिलें’ योजना पर एक प्रस्तुतीकरण की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिमला, कुल्लू-मनाली, धर्मशाला जैसे पर्यटक स्थलों पर दबाव कम करने की दृष्टि से राज्य सरकार ने इस महत्वाकांक्षी योजना को आरम्भ किया है। योजना के माध्यम से पर्यटकों के लिए विश्व स्तरीय अधोसंरचना का विकास किया जाएगा ताकि पर्यटकों को इन अनछुए क्षेत्रों की ओर आकर्षित किया जा सके। जय राम ठाकुर ने कहा कि जंजैहली में नामी होटल चेन क्लब महेन्द्रा ने 50 करोड़ रुपये का निवेश कर एक रिजार्ट विकसित करने पर सहमति व्यक्त की है। इसके अतिरिक्त क्षेत्र में 25 करोड़ रुपये की लागत से ईको-पर्यटन संबंधी सुविधाएं विकसित की जाएंगी, जिनमें कैम्पिंग स्थल, टै्रकिंग मार्ग, नए स्थलों, मौजूदा वन विश्राम गृहों का स्तरोन्नयन व नवीकरण तथा पर्यटकों के लिए लॉग हट्स का निर्माण शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि देवीधार, पंजैन और बीजाही आदि में कैम्पिंग स्थलों को विकसित किया जाएगा। इसके अलावा बांदल में प्रस्तावित बगलामुखी नेचर पार्क में एक इंटरप्रेटेशन केन्द्र स्थापित किया जाएगा। क्षेत्र में कैक्टस उद्यान, रज्जूमार्ग, नेचर वॉक और रॉक क्लाईबिंग सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि मण्डी से मनाली मार्ग पर पंडोह के निकट लॉग हट्स बनाई जाएंगी जिससे कुल्लू-मनाली क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों को एक अन्य पर्यटक गंतव्य मिलेगा।
जय राम ठाकुर ने कहा कि बीड़-बिलिंग में आठ करोड़ रुपये की लागत से पैराग्लाईडिंग केन्द्र का विकास किया जाएगा। इसके अतिरिक्त साहसिक गतिविधियों के प्रेमियों की सुविधा के लिए पुराने ट्रैकिंग मार्गों, विश्राम स्थलों और अन्य आराम सुविधाओं को सुदृढ़ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में लगभग 10 ट्रैकिंग मार्गों को विकसित करने के लिए 4.20 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। कांगड़ा क्षेत्र में स्थित पौंग बांध को ‘रैमसार साइट’ घोषित किया गया है जो बर्ड-वाचिंग व पक्षियों को देखने वालों के लिए विश्व विख्यात स्थल है जहां प्रत्येक वर्ष लाखों पक्षरी साईबेरिया जैसे दूरस्थ स्थानों से प्रवास पर आते हैं।
उन्होंने कहा कि आगंतुकों को सुविधा प्रदान करने के लिए पौंग बांध में 14 व्यक्तियों के बैठने की क्षमता वाली दो नाव उपलब्ध कराई गई हैं तथा शीघ्र ही दो अतिरिक्त नाव उपलब्ध करवाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि इस स्थान को विकसित करने के लिए तथा आगंतुकों को आरामदायक ठहराव सुविधा प्रदान करने के दृष्टिगत लगभग 15 लॉग हट्स बनाई जाएंगी। इस स्थान को पर्यटक मित्र बनाने के लिए यहां पर नेचर ट्रेल और बर्ड व्यू प्वाईंट्स का निर्माण भी किया जाएगा।
जय राम ठाकुर ने कहा कि ‘नई राहें, नई मंजिलें’ योजना के अंतर्गत शिमला ज़िला के चांशल क्षेत्र को भी शीतकालीन खेलों के गंतव्य के रूप में विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्की स्लोप्स, रिजार्ट, रज्जूमार्ग और अन्य सुविधाओं की संभावनाओं को तलाशने के लिए प्री-फिजिबिल्टी रिपोर्ट पहले ही बना ली गई है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव पर्यटन राम सुभग सिंह ने इस अवसर पर ‘नई राहें, नई मंजिलें’ योजना पर विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि राज्य के अनछुए गंतव्यों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि सभी चार गंतव्यों को बैंचमार्क के तौर पर विकसित किया जाए। उन्होंने कहा कि यह न केवल पर्यटकों और एकांत तलाशने वालों को नए गंतव्य प्रदान करेगा बल्कि यह स्थानीय लोगों के लिए रोज़गार और स्वरोज़गार के भरपूर अवसर उपलब्ध करवाएगा। अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव संजय कुंडू, प्रधान मुख्य अरण्यपाल अजय कुमार, प्रधान मुख्य अरण्यपाल (वन्य जीव) सविता, निदेशक पर्यटन युनूस, मुख्यमंत्री से प्रधान निजी सचिव विनय सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।