जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने
पर्यटन विभाग के कार्यों की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रकृति ने इस प्रदेश को विपुल प्राकृतिक वैभव से नवाजा है, जिसका पर्यटन की दृष्टि से पूर्ण दोहन किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से जहां स्थानीय युवाओं को रोज़गार के अवसर मिलेगें, वही यह प्रदेश आर्थिक दृष्टि से भी स्वावलम्बी बनेगा। मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि राज्य सरकार मण्डी शहर में शिव धाम विकसित करेगी, जहां 12 ज्योर्तिलिंग स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि गंगा आरती की तरह यहां ब्यास आरती का भी शुभारम्भ किया जाएगा, जिससे स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटकों को भी अतिरिक्त आकर्षण प्राप्त हांगे। उन्होंने कहा कि इस परियोजना की तीन माह के भीतर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जाएगी तथा इस वर्ष नवम्बर माह तक निविदाएं भी आमंत्रित की जाएंगी। जय राम ठाकुर ने कहा कि केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा मॉं चिन्तपूर्णी में अतिरिक्त सुविधाएं विकसित करने के लिए प्रसाद योजना के तहत 27.18 करोड़ रुपये सैधान्तिक तौर पर स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस परियोजना में कुछ और पहलु जोड़ कर विभाग ने इसके लिए 45.06 करोड़ रुपये की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाकर स्वीकृति के लिए भेजी है। मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार के लिए 153 एकड़ भूमि अधिग्रहण करने की प्रक्रिया आरम्भ हो चुकी है तथा कहा कि मण्डी जिले में अन्रराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण कि लिए भी ‘ओएलएस’ सर्वेक्षण पूरा कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हवाई सेवाएं बढ़ाने की दृष्टि से छः हैलीपोर्ट्स बनाए गए हैं तथा शिमला व मनाली हैलीपोर्ट्स का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में 64 हैलीपैड्ज़ कार्य कर रहे हैं तथा प्रदेश के विभिन्न भागों में 11 और हैलीपैड्ज़ बनाने की प्रक्रिया जारी है। जय राम ठाकुर ने कहा कि कांगड़ा में ग्रामीण हाट तथा चम्बा जिला के भलई माता मन्दिर में आर्ट एण्ड क्राफ्ट सेंटर के निर्माण के लिए 4-4 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं तथा सोलन जिला के क्यारी घाट में 24 करोड़ रुपये की लागत से एक कन्वेंशन सेंटर का निर्माण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि धर्मशाला में 150 करोड़ रुपये की लागत से निर्माणाधीन रोप-वे प्रोजैक्ट का कार्य प्रगति पर है जबकि 289 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित किए जाने वाले आदि हिमानी-चामुण्डा रोप-वे के लिए वन स्वीकृति प्राप्त कर ली गई है। उन्होंने कहा कि 94.19 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले भुन्तर-बिजली महादेव रोप-वे के लिए सर्वेक्षण करवा लिया गया है तथा 340 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित किए जाने वाले पलचन-रोहतांग राज्जू मार्ग के लिए आवश्यक हिस्सा राशि जमा कर दी गई है। प्रदेश में चल रही सभी पर्यटन परियोजनाओं के कार्यों को समय पर पूरा करने के लिए अधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे हिमाचल प्रदेश शीघ्र ही पर्यटकों का सबसे पसन्दीदा पर्यटन गंतव्य बन सकेगा। उन्होंने शिमला लाईट एण्ड साउंड शो आरम्भ करने पर भी बल दिया ताकि और अधिक पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके। अतिरिक्त मुख्य सचिव पर्यटन राम सुभग सिंह ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि विभाग पर्यटन परियोजनाओं को समय पर पूर्ण करने के लिए निष्ठा एवं उत्साह के साथ से कार्य करेगा। मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव संजय कुण्डू, अतिरिक्त निदेशक पर्यटन मनोज कुमार, परियोजना निदेशक ए.डी.बी. परवीन गुप्ता और अन्य अधिकारी भी इस बैठक में उपस्थित थे।