युवा नेता जितेंद्र चंदेल ने स्थानीय ग्रामीणों और फोरलेन में कार्यरत ठेकेदारों की समस्याओं को रखा
जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
बिलासपुर के अंतर्गत राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मल्यावर में आयोजित हुए12वें जनमंच कार्यक्रम में युवा नेता जितेंद्र चंदेल ने स्थानीय ग्रामीणों और फोरलेन में कार्यरत ठेकेदारों की समस्याओं को रखा । चंदेल ने कहा कि जनमंच कार्यक्रम प्रदेश सरकार का एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है और इस कार्यक्रम के माध्यम से लोगों की समस्याओं का समाधान उनके घर द्वार पर संभव बनाया जाए ताकि उन्हें अपने कार्य को करवाने के लिए मुख्यालय के बार-बार चक्कर न काटने पड़े। आए दिन लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है । फोरलेन पर बात रखते हुए उन्होंने कहा है कि फोरलेन बनाने वाली कंपनियों ने लोगों के रास्तों को भी तहस नहस कर दिया । अब आम रास्ते भी नही रहे । ऋषिकेश से लेकर डैहर तक पुराना रोड टूट चूका है और इसकी रिपेयर कोई नहीं कर रहा है। इस पर जिला प्रशासन ने कहा कि 15 दिन के भीतर जिला प्रशासन पीडब्ल्यूडी और एनएचआई के साथ बैठक करेगी और इस रोड को पीडब्ल्यूडी या एनएचआई बनाएगी। चंदेल द्वारा जनमंच कार्यक्रम में रखे गए ठेकेदारों के लंबित पड़े भुगतान के मुद्दे को लेकर सदर विधायक सभाष ठाकुर ने जबाब में कहा कि पहले ठेकेदारों की बकाया राशी का भुगतान होगा तभी फोरलेन का अगला कार्य शुरू होगा । इस पर 15 दिन के भीतर पीडब्ल्यूडी और एनएचआई के साथ बैठक करेगए। चंदेल ने कहा कि बिलासपुर जिले से होकर गुजरने वाली फोरलेनृ के कार्य में जिन लोगों ने अपना खून पसीना एक करके कार्य किया था उन्हें लंबे समय से उनके कार्य करने के एवज में राशि का भुगतान नहीं किया गया है । उन्होंने बताया कि इस कारण न जाने कितने युवा ठेकेदार आर्थिक तंगी में आ गए हैं। उन्होंने बताया कि युवाओं ने बैंकों से कर्ज लेकर हाईवा तथा अन्य मशीनरी डाली थी और फोरलेन में कार्य करके कमाने की सोची थी लेकिन कंपनी द्वारा भुगतान न किए जाने के कारण अब उन्हें भूखे मरने की नौबत आ गई है । ऊपर से बैंक उन्हें कर्जे की क़िस्त न चुका पाने के एवज में परेशान भी कर रहे हैं ।उन्होंने बताया कि इस बारे में वे कई बार प्रशासन को लिखकर दे चुके हैं लेकिन कोई भी लाभ नहीं हो पाया है ।उन्होंने सरकार से तथा प्रशासन से आग्रह किया है कि अगर इस विषय में वह इनिशिएटिव लेते हैं तो निश्चित रूप से इन आर्थिक तंगी झेल रहे तमाम युवा ठेकेदारों का भविष्य संवर जाएगा और उन्हें भूखे मरने की नौबत नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि प्रशासन को भी इस विषय में हस्तक्षेप करना चाहिए ताकि कंपनी उपरोक्त लंबित भुगतान को शीघ्र कर सके।