हिमाचल प्राकृतिक खेती में राष्ट्र में अग्रणी बने इसके लिए वैज्ञानिकों को करनी होगी कड़ी मेहनत : राज्यपाल
जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने आज डॉ. वाई एस. परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के नवनियुक्त कुलपति डॉ. परविन्द्र कौशल से कहा कि राज्य में प्राकृतिक खेती के प्रसार और प्रचार के लिए समर्पित वैज्ञानिकों और अधिकारियों की टीम तैयार करें ताकि प्राकृतिक खेती को सुनियोजित और वैज्ञानिक ढंग से किसानों में लोकप्रिय बनाया जा सके। उन्होंने कुलपति से कहा कि प्राकृतिक खेती में ऐसे कार्यों की आवश्यकता है, जिससे किसान और बागवान इस पद्धति पर भरोसा करें इसके लिए सम्पूर्ण वैज्ञानिक समुदाय तथा विद्यार्थियों को प्रेरित करना होगा, ताकि प्राकृतिक खेती का लाभ प्रत्येक किसान तक सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती लम्बे समय तक मनुष्य के स्वास्थ्य, प्राकृतिक स्त्रोतों के संरक्षण और पर्यावरण के लिए अत्यन्त आवश्यक है।
राज्यपाल ने कहा कि राज्य के विभिन्न स्थानों पर स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र प्राकृतिक खेती के लिए मॉडल केन्द्र बनाए जाएं ताकि आस-पास के किसान मौके पर जाकर प्राकृतिक खेती देख सकें और इसके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें। उन्होंने कहा कि किसानों और बागवानों के प्रश्नों और शंकाओं का वैज्ञानिकों, कृषि और बागवानी विभाग के अधिकारी द्वारा निचले स्तर पर ही समाधान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बागवानी विश्वविद्यालय से प्राकृतिक खेती के सम्बन्ध में किसानों और बागवानों को तकनीकी सहायता और मार्गदर्शन निरंतर मिलता रहना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि किसानों की आय दोगुना करने का प्राकृतिक खेती ही सबसे अच्छा विकल्प है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि केन्द्र सरकार द्वारा प्राकृतिक खेती के लिए बजट का प्रावधान किए जाने से पूरे देश में प्राकृतिक खेती लोकप्रिय होगी और किसानों के लिए खुशहाली लाएगी। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती को किसानों में व्यापक तौर पर अपनाए जाने के लिए आवश्यक है कि ज्यादा से ज्यादा प्रगतिशील किसानों को इससे जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि पढ़े लिखे युवा सही मार्गदर्शन के साथ प्राकृतिक खेती को बढ़ाने में और आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।