हरिद्वार,। कोरोना के चलते रूडकी क्षेत्र में स्वास्थ्य उपकरण व बुनियादी सुविधाओं को लेकर आम आदमी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष शारिक अफरोज ने गंभीर सवाल उठाये हैं। शारिक अफरोज ने बताया की 22 तारीक के जनता कर्फ्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता से कुछ हफ्ते मांगे थे और फिर 24 तारीख के अपने राष्ट्र संबोधन में प्रधानमंत्री ने साफ तौर पर कहा था की इस समय प्रत्येक राज्य सरकार की प्राथमिकता केवल स्वास्थ्य सुविधा होनी चाहिए।
जहाँ एक ओर जनता सभी परेशानियों को झेलते हुए भी इस कोरोना लॉकडाउन में पूर्ण सहयोग कर रहे हैं। वहीँ उत्तराखंड में सत्ता में बैठी भाजपा व् उनके मंत्री विधायक इसकी गंभीरता को नहीं समझ रहे हैं। शारिक ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र कहा है कि रूडकी शहर व् उसके आस पास काफी बड़ी आबादी का देहात क्षेत्र स्वास्थ्य सुविधाओं व् उपचार के लिए रूडकी पर निर्भर करता है। ऐसे में मीडिया के माध्यम से ज्ञात हुआ की रूडकी क्षेत्र में कोई भी वेंटीलेटर सिविधा नहीं है। रूडकी में खासा सरकारी अस्पताल है लेकिन वहां पर कोरोना से लड़ने, जांच करने व् उपचार करने के उपकरणों व् संसाधनों का अभाव है द्य यदि कोरोना महामारी क्षेत्र के कुछ लोगों को भी असर कर गयी तो रूडकी क्षेत्र के हालात भयावह हो जायेंगे द्य सोसल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए शारिक ने यह गंभीर मुद्दा क्षेत्र के विधायक , महापौर , व् प्रशासनिक अधिकारियों के संज्ञान में लाने की कोशिश सोशल मीडिया के माध्यम से भी की है परन्तु इसका ज्यादा असर होता नहीं दिख रहा है द्य शारिक ने बताया की आम आदमी पार्टी शुरू से ही उत्तराखंड की स्वास्थ्य सुविधाओं पर सवाल उठती आ रही है , परन्तु सत्ता में बैठे लोगों की प्राथमिकता जन साधारण न हो कर कॉर्पोरेट रहे हैं द्य शारिक ने मांग उठाई है की तत्काल जरूरी उपकरण खास कर वेंटीलेटर जिसका कोरोना के इलाज में अहम रोल है , जांच किट , आइसोलेशन बेड ध् वार्ड , और इस महामारी से लड़ने वाले डॉक्टर , पुलिस प्रशासन अधिकारी , सफाई कर्मचारियों के लिए आइसोलेशन गियर की व्यवस्था पूर्ण की जाए द्य शारिक ने क्षेत्र की जनता से आह्वान किया है की घर पर रहें और किसी भी हालत में भीड़ का हिस्सा न बने , मदद भी व्यक्तिगत करें ताकि भीड़ न लगे और प्रशासन से कहा की लोगो की बुनियादी जरूरत का सामान पुरे दिन मिले ताकि सुबह 7 से 10 के बीच दुकानों पर भीड़ न हो। इस समय हमें इनोवेटिव आईडिया लेकर ऐसी योजना लागू करने की जरूरत है जिससे लोग घर पर रुके, लॉक डाउन प्रभावी हो व गरीब जनता भूख से न मरे, 21 घंटे लॉक डाउन के बाद यदि 7 से 10 तीन घंटे भीड़ हो तो लॉकडाउन का कोई फायदा नहीं होगा।