हम सभी को लगता है कि गर्मी में राहत पाने और सेहत बनाने का बनाना-शेक से अच्छा विकल्प कुछ और हो ही नहीं सकता है। क्योंकि दूध और केला दोनों ही हेल्दी फूड्स हैं। लेकिन आज आपको जानकर हैरानी होगी कि आयुर्वेद दूध और केला दोनों को सेहत के लिए अमृत तुल्य बताता है लेकिन बनाना शेक को सेहत के लिए हानिकारक। क्यों है ऐसा? आइए जानते हैं 40 साल से आयुर्वेद के जरिए रोगियों का रोग दूर करने वाले अनुभवी आयुर्वेदाचार्य से…
दूध के साथ ना खाएं फ्रूट्स
आयुर्वेदाचार्य डॉक्टर सुरेंद्र सिंह राजपूत का कहना है कि सबसे पुरानी चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद में दूध और फलों के संयोग को वर्जित माना गया है। यानी दूध के साथ कभी भी फलों का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा इसलिए कहा गया है क्योंकि दूध और फलों की प्रकृति अलग-अलग होती है। ये दोनों ही शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं लेकिन इन्हें एकसाथ लेने पर ये शरीर में कई तरह के रोगों की वजह बन सकते हैं।
क्यों ना पिएं बनाना शेक?
हर फल में थोड़ी-बहुत मात्रा में साइट्रिक ऐसिड जरूर होता है। या ऐसे अम्ल होते हैं जो दूध में मिलने पर उसे फाडऩे का काम करते हैं। केले में भी कुछ प्राकृतिक रासायनिक तत्व ऐसे हैं, जो दूध के साथ डायजेस्ट नहीं हो पाते हैं। इस कारण पाचन संबंधी परेशानियां शुरू हो जाती है।
दूध और केला इस तरह पहुंचाता है फायदा
आयुर्वेदाचार्य का कहना है कि केला खाने के यदि 1 घंटे बाद आप दूध पिएंगे तो यह आपको अमृत के समान लाभ देगा। आपका पेट साफ रहेगा, शरीर में एनर्जी लेवल बना रहेगा, स्किन हेल्दी होगी और मेटाबॉलिज़म सुचारू रूप से काम करेगा।
बढ़ सकता है शरीर में दर्द
बनाना शेक रेग्युलर बेसिस पर पीनेवाले लोगों को अक्सर शरीर के किसी ना किसी अंग में दर्द की समस्या हो जाती है और उन्हें पता भी नहीं चलता कि आखिर उन्हें दर्द हो क्यों रहा है? क्योंकि उनके अनुसार, उन्होंने तो सबकुछ हेल्दी खाया है! उन्हें इस बात की जानकारी ही नहीं है कि जो बनाना शेक उन्होंने सेहत बनाने के लिए पिया है, वो उनकी सेहत बिगाड़ सकता है।
केला खाने के तुरंत बाद ना पिएं दूध
केला खाने के तुरंत बाद दूध नहीं पीना चाहिए क्योंकि पेट में पहुंचने के बाद ये दोनों चीजें बनाना शेक की तरह ही नुकसान पहुंचाती हैं। यह कुछ इसी तरह है जैसे कि आप दूध पीने के तुरंत बाद दही खा लें या नींबू पानी पी लें। क्योंकि प्रकृति में एक-दूसरे से अलग फूड्स साथ में खाने पर वे पेट में पहुंचने पर पाचन तंत्र को डिस्टर्ब करते हैं।
हो सकता है बुरा असर
विरोधाभासी प्रकृति के भोजन का बुरा प्रभाव हर व्यक्ति पर अलग-अलग रूप में दिख सकता है। किसी का पेट खराब हो सकता है, किसो गैस की दिक्कत हो सकती है तो किसी को कब्ज भी हो सकता है। जरूरी नहीं है कि विरोधाभासी खाद्यपदार्थ एक साथ लेनेवाले सभी लोगों को एक जैसी ही समस्या हो। यह सभी के अपने-अपने मेटाबॉलिज़म पर निर्भर करता है।
बढ़ सकता है कॉलेस्ट्रॉल
बनाना शेक पीने से पेट में अपच की समस्या हो सकती है। कॉन्स्टिपेशन की समस्या हो जाती है। तो किसी को गैस बहुत अधिक बन सकती है। जो लोग नियमित रूप से बनाना शेक का सेवन करते हैं। उन्हें ट्राई ग्लेसराइड या कॉलेस्ट्रॉल बढऩे की दिक्कत हो सकती है।
दर्द दे सकते हैं दर्दनाशक
केला और दूध वातानुलोमक होते हैं। यानी वायु का अनुलोमन करनेवाले। लेकिन जब केला और दूध को मिलकार शेक तैयार किया जाता है तो यह शरीर में वायु को दबाने का काम करता है। यानी पेट में जो गैस या वायु होती है वह शरीर से बाहर निकलने के वजाय ब्लड के साथ शरीर में फ्लो करने लगती है और जिस अंग में वह वायु ठहर जाती है, वहीं दर्द होने लगता है। क्योंकि बॉडी पेन वायु के कारण ही होता है।
फ्रूट्स खाने का सही समय
खाना खाने से कम से कम आधा घंटा पहले फ्रूट्स खाने चाहिए। ठीक इसी तरह केला भी खाना खाने से आधा घंटा पहले खाया जा सकता है। शाम के नाश्ते में भी आप फ्रूट्स खा सकते हैं। या दो मील के बीच जब भी भूख का अहसास हो आप फलों का सेवन कर सकते हैं।