पौड़ी: परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत किये जा रहे कार्यो को लेकर मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई ने अपने कार्यालय कक्ष में संबंधित अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने योजना के तहत की जा रही कार्य प्रगति की जानकारी लेते हुए, कार्यों में पारदर्शिता के साथ तेजी लाने के निर्देश दिये। जिस हेतु उन्होंने मुख्य कृषि अधिकारी एवं जिला उद्यान अधिकारी को संबंधित अधिकारियों के साथ 15 दिनों के भीतर बैठक कर कार्य प्रगति की सुस्पष्ट रिपोर्ट फोटो सहित प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। उन्होंने कृषकों को उपलब्ध कराये जाने वाले आन फार्म एवं आफ फार्म संबंधित इनपुट शीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। योजना के अंतर्गत कृषि, उद्यान एवं कैप व जैविक विकास परिषद में करीब 450 चिन्हित कलस्टरों के कार्यो में ओर अधिक तेजी लाने के निर्देश दिये गये। साथ ही संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि कार्यो को गंभीरता के साथ जल्द पूरा करें। कहा कि सरकार द्वारा कृषकों के लिए चलाये जा रहे सभी तरह की योजना का वृहद स्तर पर प्रचार-प्रसार कर लोगों को जागरूक करें। जिससे इन योजनाओं का लाभ कास्तकारों को मिल सकें। उन्होंने योजना के क्रियान्वयन हेतु सपोर्ट एजेन्सी एवं रीजनल काउंसिल का विवरण भी मांगा। जिनके अंतर्गत कृषि, उद्यान, उत्तराखंड जैविक उत्पाद परिषद एवं सगन्ध पौधा केंद्र का कार्य प्रगति पर बताया गया है। उन्होेंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि लक्ष्य के सापेक्ष कार्यो को पूरा करें। जिससे इनका लाभ कृषकों को मिल सके। उन्होंने बैठक में जैविक बीज एवं रोपण सामाग्री, वर्मीकंपोस्ट पिट, बायोफर्टीलाइजर, ऑनफार्म निवेश, वेस्ट डिकम्पोजर सहित अन्य पर की जा रही कार्यो की जानकारी ली। योजना के प्रचार-प्रसार हेतु वॉल पेंटिग, कलस्टर गठन कृषक प्रशिक्षण एवं भ्रमण कार्यक्रम, वर्मीपिटो के द्वारा खाद निर्माण, कृषकों एवं प्रक्षेत्र भौतिक सत्यापन आदि की जानकारी भी ली। उन्होंने कहा कि वर्मी कम्पोस्ट पिटो को दो अलग-अलग भागों में बनायें, जिससे कृषकों को इन पिटो में बेहतर खाद्य उपयोग करने को मिल सकेगी। साथ ही मनरेगा के तहत बनाये जाने की भी बात कही, उन्होंने कहा कि पिटों एवं कार्यो में डुप्लीकेसी न हो इस हेतु जीओ टैगिंग कराने के निर्देश दिये। साथ ही उन्होंने फूलगोभी, टमाटर, शिमला मिर्च उत्पादन, मसाला मिर्च सहित आदि उत्पादित होने वाले फसलों की जानकारी भी ली। जिस पर उन्होंने कहा कि इनके अलावा औषधी पादप एवं फ्लोरिकल्चर पर भी प्राथमिकता से कार्य करें। उन्हांेने लेमन ग्रास को बढ़ावा देने के लिये संबंधित अधिकारियों को इसके प्रति प्रचार-प्रसार करने को कहा। उन्होंने कहा कि गांव-गांव में जो समूह से जुड़ी महिलाएं व अन्य लोग हैं उनको इसकी जानकारी दें, जिससे वह इसका फायदा उठा सके।
इस अवसर पर मुख्य कृषि अधिकारी देवेन्द्र सिह राणा, जिला उद्यान अधिकारी डा0 नरेन्द्र कुमार, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी संजय शर्मा सहित संबंधित अधिकारी एवं ऐजेसी के सदस्यगण उपस्थित थे।