भोपाल: प्रदेश के होटलों में बार के साथ-साथ परिसर के पार्क में भी शराब परोसी जा सकेगी। इस अतिरिक्त सुविधा के लिए एक बार में दस हजार रुपए, अतिरिक्त फीस देना होगी। रेस्टोरेंट, होटल रिसोर्ट व क्लब बार सशर्त रात दो बजे तक खुले रह सकते हैं। इसके लिए रोजना पांच लाख रुपए अतिरिक्त शुल्क देना होगा। बार लायसेंस के नवीनीकरण शुल्क में कोई वार्षिक वृद्धि नहीं की जाएगी। वर्ष 2020-21 की दर पर बार लायसेंस का नवीनीकरण किया जाएगा। भांग की दुकानों के वार्षिक मूल्य में दस प्रतिशत की वृद्धि की गई है। तीन सितारा से ऊपर और पर्यटन विकास निगम की होटलों को बार लायसेंस एकमुश्त तीन साल के लिए दिया जा सकेगा। इसके लिए स्थल निरीक्षण भी नहीं किया जाएगा। अभी बार लायसेंस हर साल रीन्यू कराना पड़ता है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गत दिवस हुई वर्चुअल कैबिनेट बैठक में भाग दुकान, विनिर्माण इकाईयों के साथ बार लायसेंस व्यवस्था की नीति को मंजूरी दी गई। नई नीति के अनुसार भांग की दुकानों का वार्षिक मूल्य दस प्रतिशत बढ़ेगा। जिन दुकानों का नवीनीकरण नहीं होगा, उन्हें टेंडर के जरिए नीलाम किया जाएगा। नई रिजॉर्ट और क्लबों के बार रात 12 बजे के बाद भी खुल सकेेंगे। वर्तमान में बार बंद होने का समय रात 12 बजे है, लेकिन प्रतिदिन पाँच हजार रुपए फीस जमा करने पर रात दो बजे तक बार खोले रखने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन यह अनुमति साल में आठ बार ही मिल सकेगी। इसके लिए कलेक्टर को अधिकृत किया गया है। बार लाइसेंससों का नवीनीकरण अब कलेक्टर के स्तर पर होगा। अभी तक नवीनीकरण आयुक्त कार्यालय के स्तर पर होता था। ऐसे ही बार लायसेंस की व्यावसायिक क्लब (एफएल-चार) की कैटेगरी को भी समाप्त कर दिया गया है। बार संचालक अब मदिरा का दोगुना भंडारण भी रोक सकेंगे। शराब निर्माता इकाइयों को लायसेंस नवीनीकरण की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। लायसेंस फीस का ऑनलाइन भुगतान करके अब सिर्फ यह घोषणा पत्र देना होगा कि उनके संयंत्र की क्षमता या अधोसंरचना में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। इसके आधार पर लायसेंस का नवीनीकरण मान्य हो जाएगा। शराब फैक्टरियों से स्पिरिट फैक्ट्रियों से स्पिरिट परिवहन करने वाले सभी टैंकरों में इलेक्ट्रानिक लॉक विद, जीएसपी का उपयोग अनिवार्य रहेगा। देसी शराब की आपूर्ति की मौजूद व्यवस्था आगामी दो माह तक यथावत रहेगी। जीएसमसी के लिए 316 करोड़ रुपए मंजूर- कैबिनेट बैठक में भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज एवं संबद्ध चिकित्सालय में भारत सरकार की प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के सहयोग से जनता को विशिष्ट चिकित्सकीय सुविधाओं के विसतार से संंबंधित विनिर्माण कार्य करने के लिए 316 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है। सागर मेडिकल कॉलेज में वायरल रिसर्च डायग्नोस्टिक लैब की स्थापना के लिए तीन पद सृजित होंगे।