Health: चिप्स बच्चों की सबसे ज्यादा पसंदीदा चीज होती है। घर से बाहर निकलते ही बच्चे सबसे पहले पैकेट बंद चिप्स की मांग करते हैं। कई बार अभिभावक भी बच्चों के लिए घर में चिप्स के पैकेट ले जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये चिप्स आपके बच्चे के स्वास्थ्य पर हानिकारक असर डालती हैं। पैकेट बंद चिप्स से न सिर्फ आपका बच्चा, मोटापे का शिकार हो सकता है बल्कि उसे कई और बीमारियां भी घेर सकती हैं। इसमें डाइबीटीज से लेकर कैंसर तक की बीमारी शामिल है। शोधों में यहां तक कहा गया है कि पैकेट बंद चिप्स से हृदय से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी रहता है। आइए जानते हैं कैसे पैकेट बंद चिप्स आपके बच्चे के स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डाल रहे हैं..
-चिप्स में फैट और कैलोरीज की मात्रा काफी ज्यादा होती है।
-इससे वजन बढऩे और मोटापा की समस्या हो सकती है।
-28 ग्राम आलू चिप्स एवं 15 से 20 चिप्स में 10 ग्राम फैट और 154 ग्राम कैलोरीज होती है।
-2015 में हुए एक शोध में बताया गया था कि तले हुए आलू चिप्स मोटापे की प्रमुख वजह है।
-पैकेट बंद चिप्स से डाइबीटीज और हृदय से जुड़ी बीमारियां का खतरा रहता है।
-शोधों में यहां तक सामने आया है कि ज्यादा चिप्स खाने से कैंसर तक की बीमारी हो सकती है।
-अगर आपका बच्चा लगातार चिप्स खाता है तो उसमें पौषण की कमी हो सकती है।
-चिप्स में विटामिन और मिनरल बेहद कम मात्रा में होते हैं और शरीर को भरपूर पौषण नहीं मिलता है।
-चिप्स में सोडियम की मात्रा काफी ज्यादा होती है जो कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
-सोडियम की ज्यादा मात्रा शरीर में जाने से कई बीमारियां हो सकती हैं।
-इनमें उच्च रक्त चाप से लेकर स्ट्रोक और हार्ट एवं किडनी की बीमारी शामिल हैं।
-28 ग्राम आलू चिप्स में 120 मिलीग्राम से लेकर 180 मिलीग्राम सोडियम होता है।
-अमेरिका में 2010 में डाइट गाइडलाइन जारी हुई थी।
-इसमें बताया गया था कि दिनभर में कितनी तादाद में नमक लेना चाहिए।
-इस गाइडलाइन के मुताबिक, दिनभर में 2,300 मिलीग्राम से ज्यादा नमक बिल्कुल नहीं लेना चाहिए।
-अगर ऐसा किया गया तो उच्च रक्त चाप से लेकर किडनी तक की कई घातक बीमारियां हो सकती हैं।
-पैकेट बंद चिप्स आपके बच्चे के कोलेस्ट्रोल की मात्रा को बढ़ा सकता है।
-चिप्स में इतनी मात्रा में फैट होता है जो शरीर के कोलेस्ट्रोल स्तर को बिगाड़ सकता है।
-ज्यादातर चिप्स डीप फ्राई होते हैं जो कि खतरनाक ट्रांस फैट पैदा करते हैं।
-यह ट्रांस फैट बच्चों के शरीर के स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक होता है।
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