Health : आंखों का फडक़ना, आपके स्वास्थ्य के बारे में बहुत कुछ कहता है। कभी-कभी ऐसा कुछ सेकंड्स तक ही होता है तो कभी इसे बंद होने में 1-2 दिन लग जाते हैं। कुछ देर तक आंखों का फडक़ना सामान्य बात है मगर कुछ मामलों में स्थिति गंभीर भी हो सकती है। तो चलिए जानते हैं आंख फडक़ने के वैज्ञानिक कारण।
आंखों के फडक़ने को डॉक्टर्स की भाषा में माइओकिमिया कहा जाता है। इस स्थिति में आंखों की मांसपेशियां सिकुडऩे लगती हैं।
जिन्हें विजन संबंधी प्रॉब्लम्स होती हैं, उनकी आंखों पर अधिक जोर पड़ता है। ऐसा नंबर लगने या बढऩे की स्थिति में होता है। इस वजह से आँख फडक़ सकती है। शराब के सेवन से आंखें फडक़ने लगती हैं। अगर आपको यह समस्या हो रही है तो कुछ दिन शराब से दूरी बनाकर रखें।
चाय, कॉफी, सॉफ्ट ड्रिंक्स और चॉकलेट आदि में कैफीन मौजूद होता है। इनके अत्यधिक सेवन से भी आंख फडक़ सकती है। अगर कुछ दिनों से आंखें फडक़ रही हैं तो इनका सेवन कम करके देखें।
तनाव या किसी अन्य वजह से नींद पूरी ना होने की वजह से आंख फडक़ने लगती है। इसलिए पूरी नींद लेना बहुत आवश्यक है।
कुछ स्टडीज में सामने आया है कि मैग्नेशियम जैसे कुछ पोषक तत्वों की कमी से आंख फडक़ने की स्थिति बन जाती है।
जिन लोगों को आंखों से संबंधित एलर्जी है, उन्हें आँखों में खुजली, सूजन और पानी आना जैसी समस्याएं होती हैं। फिर जब वो उन्हें रगड़ते हैं तो पलकें भी फडक़ने लगती है।
लगातार कंप्यूटर, मोबाइल या टेबलेट आदि की स्क्रीन देखते रहने से भी आंखें फडक़ने लगती हैं। इससे बचने के लिए हर 20 मिनट में स्क्रीन से नजरें फिराकर ब्रेक लेने की आदत डालें।