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कोविड संक्रमण रोगियों को चिन्हित करने तत्काल सर्वेक्षण किया जाना चाहिए

Bynewsadmin

Apr 20, 2021
नईदिल्ली: केन्द्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने मंगलवार को केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की जिसमें सभी केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों के साथ कोविड 19 की वर्तमान स्थिति की समीक्षा के साथ ही उसके प्रबन्धन और स्थिति का सामना करने के लिए प्रतिक्रिया नीति पर विचार विमर्श किया गया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई इस बैठक में नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी. के. पॉल, डीएचआर के सचिव एवं भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसन्धान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव भी उपस्थित थे। सभी केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस महानिदेशक भी इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में उपस्थित थे। गृह सचिव ने कहा कि देशभर में कोविड 19 के नए मामलों में बड़ी तेजी से वृद्धि हुई है। 01 जनवरी 2021 को भारत में बताए गए 20,000 मामले अब 15 अप्रैल 2021 के बाद से रोजाना 10 गुना बढ़ चुके हैं ( हर दिन 2 ,00,000 से अधिक मामले)। पिछले 11 दिनों में 09 अप्रैल 2021 को आए 01 लाख 31 हजार मामले अब लगभग दोगुना बढ़ कर 20 अप्रैल 2021 को 02 लाख 73 हजार हो गए हैं। एक विस्तृत प्रस्तुतीकरण के माध्यम से सभी केंद्र शासित प्रदेशों में नए कोविड मामलों, साप्ताहिक परीक्षणों, साप्ताहिक पुष्टि दर, सप्ताह में हो रही मौतों तथा आरटी –पीसीआर परीक्षणों और रैपिड एंटीजेन टेस्ट की स्थिति/अनुपात का विवरण दिया गया। केंद्र शासित प्रदेशों ने कोविड के घोषित मामलों के नियंत्रण (कन्टेनमेंट) और प्रबन्धन के अपने प्रयासों की जानकारी साझा की। लद्दाख, जम्मू-कश्मीर और लक्षद्वीप ने देश के दूसरे क्षेत्रों से बड़ी संख्या में हो रही आवाजाही को इसका कारण बताया। हाल के त्योहारों में खरीददारी के लिए लक्षद्वीप से मुख्यभूमि जाने वालों की संख्या में 14 अप्रैल के बाद इन मामलों की संख्या में अचानक उछाल आया है। अधिकतर केंद्रशासित प्रदेशों ने लोगों की आवाजाही पर रोक लगाई है जिसके अंतर्गत रात्रिकालीन कर्फ्यू, द्वीपीय केंद्र शासित प्रदेशों में एक द्वीप से दूसरे द्वीप में जाने पर प्रतिबन्ध, शामिल है। चंडीगढ़ प्रशासन ने बताया कि उन्होंने टीकाकरण करवाने के लिए घर-घर जाकर लोगों समझाया जा रहा है। 90 प्रतिशत से अधिक रोगी अपने घरों में ही संगरोध (आइसोलेशन) में हैं और सचल दस्ते उनकी निगरानी कर रहे हैं। केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली ने बिस्तरों की कमी और इनकी संख्या को केंद्र सरकार की आधारभूत अवसंरचनाओं और डीआरडीओ द्वारा हाल में ही खोले गए कोविड अस्पताल के माध्यम से बढाने के प्रयासों की चर्चा की। दिल्ली सरकार ने पिछले वर्ष और इस वर्ष अपने अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या बढाने में केंद्र सरकार की सही समय पर मिली सहायता के लिए आभार व्यक्त किया। परीक्षणों की संख्या बढाने और जांच के परिणाम में लगने वाले समय को घटाने के प्रयासों पर भी विचार विमर्श हुआ। कोविड प्रबंधन से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा के बाद केन्द्रीय गृह सचिव ने केंद्र शासित प्रदेशों में कोविड की स्थिति की लगातार निगरानी करने का आग्रह किया। इसके लिए आवाजाही पर कड़ाई से रोक लगाने, लोगों के बड़ी संख्या में एक स्थान पर एकत्रित होने पर रोक, बाजारों के लिए समय सीमा का निर्धारण के साथ ही उचित कोविड व्यवहार पर जोर दिया गया। उन्होंने केंद्र शासित प्रदेशों को क्लस्टर्स में जांच के लिए आरएटी का उपयोग करते हुए आरटी- पीसीआर परीक्षण बढाने का परामर्श दिया। परीक्षण एवं चिकित्सालय अवसंरचनाओं को बढाने के साथ ही चिकित्सा केंद्र प्रबन्धन की तत्काल समीक्षा के लिए भी विशेष रूप से आग्रह किया गया। चिंताजनक स्थिति पर अपने विचार रखते हुए अगले तीन सप्ताहों के लिए कोविड प्रतिक्रिया उपायों के महत्त्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमण से पीडि़त रोगियों को चिन्हित करने के लिए तत्काल सर्वेक्षण किया जाना चाहिए। उन्होंने कोविड प्रबंधन से जुड़े सभी छोटे-बड़े विषयों की योजना का प्रारूप तैयार करने पर बल दिया। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लिए उन्होंने वहां जाने वाले सभी श्रमिकों के नियमन और कन्टेनमेंट का निरीक्षण करने का सुझाव दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि द्वीपों को बड़ा कन्टेनमेंट जोन बनाया जा सकता है। केन्द्रीय गृह सचिव ने कोविड 19 की रोकथाम(नियंत्रण) और प्रबन्धन के काम में केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा किए जा रहे सभी प्रयासों में केंद सरकार की ओर से पूर्ण एवं निरंतर समर्थन दिए जाने का आश्वासन दिया।

नईदिल्ली: केन्द्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने मंगलवार को केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की जिसमें सभी केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों के साथ कोविड 19 की वर्तमान स्थिति की समीक्षा के साथ ही उसके प्रबन्धन और स्थिति का सामना करने के लिए प्रतिक्रिया नीति पर विचार विमर्श किया गया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई इस बैठक में नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी. के. पॉल, डीएचआर के सचिव एवं भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसन्धान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव भी उपस्थित थे। सभी केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस महानिदेशक भी इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में उपस्थित थे।
गृह सचिव ने कहा कि देशभर में कोविड 19 के नए मामलों में बड़ी तेजी से वृद्धि हुई है। 01 जनवरी 2021 को भारत में बताए गए 20,000 मामले अब 15 अप्रैल 2021 के बाद से रोजाना 10 गुना बढ़ चुके हैं ( हर दिन 2 ,00,000 से अधिक मामले)। पिछले 11 दिनों में 09 अप्रैल 2021 को आए 01 लाख 31 हजार मामले अब लगभग दोगुना बढ़ कर 20 अप्रैल 2021 को 02 लाख 73 हजार हो गए हैं।
एक विस्तृत प्रस्तुतीकरण के माध्यम से सभी केंद्र शासित प्रदेशों में नए कोविड मामलों, साप्ताहिक परीक्षणों, साप्ताहिक पुष्टि दर, सप्ताह में हो रही मौतों तथा आरटी –पीसीआर परीक्षणों और रैपिड एंटीजेन टेस्ट की स्थिति/अनुपात का विवरण दिया गया।
केंद्र शासित प्रदेशों ने कोविड के घोषित मामलों के नियंत्रण (कन्टेनमेंट) और प्रबन्धन के अपने प्रयासों की जानकारी साझा की। लद्दाख, जम्मू-कश्मीर और लक्षद्वीप ने देश के दूसरे क्षेत्रों से बड़ी संख्या में हो रही आवाजाही को इसका कारण बताया। हाल के त्योहारों में खरीददारी के लिए लक्षद्वीप से मुख्यभूमि जाने वालों की संख्या में 14 अप्रैल के बाद इन मामलों की संख्या में अचानक उछाल आया है। अधिकतर केंद्रशासित प्रदेशों ने लोगों की आवाजाही पर रोक लगाई है जिसके अंतर्गत रात्रिकालीन कर्फ्यू, द्वीपीय केंद्र शासित प्रदेशों में एक द्वीप से दूसरे द्वीप में जाने पर प्रतिबन्ध, शामिल है। चंडीगढ़ प्रशासन ने बताया कि उन्होंने टीकाकरण करवाने के लिए घर-घर जाकर लोगों समझाया जा रहा है। 90 प्रतिशत से अधिक रोगी अपने घरों में ही संगरोध (आइसोलेशन) में हैं और सचल दस्ते उनकी निगरानी कर रहे हैं।
केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली ने बिस्तरों की कमी और इनकी संख्या को केंद्र सरकार की आधारभूत अवसंरचनाओं और डीआरडीओ द्वारा हाल में ही खोले गए कोविड अस्पताल के माध्यम से बढाने के प्रयासों की चर्चा की। दिल्ली सरकार ने पिछले वर्ष और इस वर्ष अपने अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या बढाने में केंद्र सरकार की सही समय पर मिली सहायता के लिए आभार व्यक्त किया। परीक्षणों की संख्या बढाने और जांच के परिणाम में लगने वाले समय को घटाने के प्रयासों पर भी विचार विमर्श हुआ।
कोविड प्रबंधन से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा के बाद केन्द्रीय गृह सचिव ने केंद्र शासित प्रदेशों में कोविड की स्थिति की लगातार निगरानी करने का आग्रह किया। इसके लिए आवाजाही पर कड़ाई से रोक लगाने, लोगों के बड़ी संख्या में एक स्थान पर एकत्रित होने पर रोक, बाजारों के लिए समय सीमा का निर्धारण के साथ ही उचित कोविड व्यवहार पर जोर दिया गया। उन्होंने केंद्र शासित प्रदेशों को क्लस्टर्स में जांच के लिए आरएटी का उपयोग करते हुए आरटी- पीसीआर परीक्षण बढाने का परामर्श दिया। परीक्षण एवं चिकित्सालय अवसंरचनाओं को बढाने के साथ ही चिकित्सा केंद्र प्रबन्धन की तत्काल समीक्षा के लिए भी विशेष रूप से आग्रह किया गया।
चिंताजनक स्थिति पर अपने विचार रखते हुए अगले तीन सप्ताहों के लिए कोविड प्रतिक्रिया उपायों के महत्त्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमण से पीडि़त रोगियों को चिन्हित करने के लिए तत्काल सर्वेक्षण किया जाना चाहिए। उन्होंने कोविड प्रबंधन से जुड़े सभी छोटे-बड़े विषयों की योजना का प्रारूप तैयार करने पर बल दिया। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लिए उन्होंने वहां जाने वाले सभी श्रमिकों के नियमन और कन्टेनमेंट का निरीक्षण करने का सुझाव दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि द्वीपों को बड़ा कन्टेनमेंट जोन बनाया जा सकता है।
केन्द्रीय गृह सचिव ने कोविड 19 की रोकथाम(नियंत्रण) और प्रबन्धन के काम में केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा किए जा रहे सभी प्रयासों में केंद सरकार की ओर से पूर्ण एवं निरंतर समर्थन दिए जाने का आश्वासन दिया।

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