नई दिल्ली । भारतीय ओलिंपिक संघ ने फैसला किया है कि इस साल जापान की राजधानी टोक्यो में 23 जुलाई से आठ अगस्त के बीच होने वाले ओलिंपिक खेलों में चीन की कंपनी ली-निंग उसकी आधिकारिक किट स्पांसर नहीं होगी और देश के खिलाड़ी खेलों के महाकुंभ में बिना ब्रांड की किट पहन कर उतरेंगे। आईओए ने कहा कि उन्होंने देश के लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है।
दरअसल भारतीय टीम की किट प्रायोजक चीन की कंपनी ली-निंग थी और पिछले सप्ताह जब टीम की किट लांच हुई तो सोशल मीडिया पर इसे लेकर विवाद खड़ा हो गया था। ऐसी खबरें हैं कि इसके बाद खेल मंत्रालय ने आईओए से कहा था कि वह खेलों के लिए चीन की कंपनी को प्रायोजक नहीं रखे।पिछले साल गलवान वैली में चीनी सैनिकों द्वारा 20 भारतीय सैनिकों की हत्या के बाद देश में चीन के खिलाफ माहौल है और इसी कारण चीन का विरोध होता रहा है।
आईओए अध्यक्ष नरिंदर बत्रा और महासचिव राजीव मेहता ने एक संयुक्त बयान में कहा कि हम अपने फैंस की भावनाओं से वाकिफ हैं और इसलिए आईओए ने फैसला किया है कि हम किट बनाने वाली कंपनी के साथ किए गए मौजूदा करार से पीछे हटते हैं। हमारे खिलाड़ी, कोच और सपोर्ट स्टाफ बिना ब्रांड के कपड़े पहनेंगे।
हम खेल मंत्रालय का मार्गदर्शन के लिए शुक्रिया अदा करते हैं जिन्होंने यह फैसला लेने में हमारी मदद की। हम चाहते हैं कि हमारे खिलाड़ी अपने कपड़ों के ब्रांड को लेकर पूछे जाने वाले सवालों के बिना ट्रेनिंग करें। वह वैसे ही बीते एक साल से ज्यादा समय से महामारी से जूझ रहे हैं। हम नहीं चाहते कि उनका ध्यान भटके।
चीनी सैनिकों द्वारा लद्दाख में 20 भारतीय सैनिकों को मारने के बाद देश में चीनी उत्पादों के बहिष्कार की आवाजें उठने लगी थी। इसके बाद सरकार ने कई चीन की कंपनियों पर बैन लगाया था जिसमें कई सोशल मीडिया साइट्स, गेम्स, शामिल थे। आइओए ने मई 2018 में ली-निंग के साथ करार किया था। करार के मुताबिक कंपनी खिलाडिय़ों के कपड़े, जूते प्रायोजित करेगी हालांकि प्लेयिंग किट बनाने वाली कंपनी भारतीय नहीं है बल्कि चीन की कंपनी ली-निंग है। पिछले गुरुवार को जब किट का अनावरण हुआ तो कपड़ों पर ली-निंग का नाम था, लेकिन मंगलवार को आईओए ने बयान जारी कर इस संबंध में नई जानकारी दी है और बताया है कि भारतीय खिलाडिय़ों की किट पर चीन की कंपनी का नाम नहीं होगा।