Health: पहले के समय में बच्चे को घर में बनी सूती कपड़े की लंगोटी पहनाई जाती थी. लेकिन आज Diaper पहनाने का चलन है. डायपर लीकप्रूफ होने के साथ सुविधाजनक होते हैं. एक बार बच्चा डायपर पहन लेता है तो मांएं 7 से 8 घंटे के लिए निश्चिंत हो जाती हैं और बेफिक्र होकर कोई भी काम कर लेती हैं.
लेकिन मांओं की इस सुविधा के बीच बच्चा काफी परेशान हो जाता है. Diaper से बच्चे को रैशेज की समस्या होती है. लेकिन वो अपनी बात कह नहीं पाता. ऐसे में वो या तो चिड़चिड़ाता है, परेशान होता है और रोता रहता है. हालांकि ये भी सच है कि आज के समय को देखते हुए बच्चे को डायपर पहनाना जरूरी भी है. लेकिन Diaper पहनाने से पहले मांओं को कुछ बातें जानना बहुत जरूरी है, ताकि बच्चे को किसी तरह की समस्या न हो.
4 घंटे से ज्यादा न पहनाएं
आमतौर पर मांएं बच्चे को घर से कहीं बाहर ले जाते समय या सुलाते समय Diaper पहना देती हैं. ऐसे में बच्चा करीब 7 से 8 घंटे तक डायपर पहने रहता है. जबकि उसे डायपर को 4 घंटे से ज्यादा नहीं पहनना चाहिए. 4 घंटे के बाद जब भी डायपर हटाएं तो उसके शरीर को कॉटन की मदद से साफ करें और कुछ देर बिना डायपर के रहने दें. आमतौर पर रैशेज की समस्या उस हिस्से में गीलेपन की वजह से होती है. ऐसे में गीलापन नहीं होगा और बच्चा खुद को कुछ देर के लिए फ्री महसूस करेगा.
लाल दाने की समस्या भी परेशान करती
डायपर में लगातार गीलेपन और नमी को झेलने से कई बार बच्चे की नाजुक त्वचा में रैशेज के अलावा इंफेक्शन भी हो जाता है. इंफेक्शन की वजह से छोटे लाल-लाल दाने हो जाते हैं. ये दाने कभी कभी फैलकर बच्चे के पेट और जांघ तक आ जाते हैं और बच्चों में चिड़चिड़ेपन का कारण बनते हैं. इस समस्या से बचने के लिए स्वच्छता का ध्यान रखना बहुत जरूरी है.
समस्या से निपटने के लिए क्या करें
1.अगर आप वाकई बच्चे को इस समस्या से बचाना चाहती हैं तो आपको इस बात का विशेष ध्यान रखना पड़ेगा कि बच्चा साफ रहे और उसके किसी भी अंग में नमी न रहे.
2. यदि बच्चा शौच करे तो फौरन उसका Diaper बदल दें, देर न करें. इसके बाद उसके नितंबों को अच्छे से धोने के बाद मुलायम कपड़े से साफ करें और नारियल तेल रुई की मदद से लगाएं. कुछ देर ऐसे ही रहने दें ताकि उस जगह पर गीलापन बिल्कुल न रहे.
3. चार घंटे से ज्यादा देर तक Diaper न पहनाएं और बीच बीच में इसे चेक करते रहें. यदि रात को सोते समय भी डायपर पहना रही हैं तो ये जिम्मेदारी ध्यान से निभाएं.
4. संभव हो तो कभी कभी बच्चे को घर पर ही दादी-नानी की बनाई लगोंट पहनाएं. लंगोट कॉटन के नरम कपड़े से बनी होती है. इसमें बच्चा आराम महसूस करता है.
5. डायपर पहनाने से पहले बच्चे के नितंबों को अच्छे से रुई की मदद से साफ करें. इसके बाद नारियल तेल लगाएं. कुछ देर बाद डायपर पहनाएं.