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विरासत में लोगों को खूब भा रहे Afghanistan dry fruits

Bynewsadmin

Apr 23, 2022
विरासत में लोगों को खूब भा रहे Afghanistan dry fruits

देहरादून: विरासत आर्ट एंड हेरिटेज फेस्टिवल 2022 जो डॉ बी आर अंबेडकर स्टेडियम कौलागढ़ रोड देहरादून में चल रहा है। इस  विरासत फेस्टिवल में देहरादून के लोगों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न प्रकार के स्टाल लगाए गए हैं। जहां पर विभिन्न प्रकार के कलाकृतियों से लेकर अन्य वस्तुओं के स्टॉल लगाया गया है। उन्हीं स्टॉल्स में एक अनोखा स्टॉल “काबुली मेवा Afghanistani dry fruits“ है जो अफगानिस्तान से आए हुए चाचा भतीजे ने पहली बार विरासत में लगाया है।

 

हाजी अली, अकरम और शाही अजमल जो अपने स्टॉल का संचालन कर रहे हैं बताते हैं कि हमसब विरासत में आने के लिए सबसे पहले हिंदी बोलना, लिखना और पढ़ना शुरू किया।  हमलोग पिछले 6 महीने से देहरादून में लगने वाले विरासत फेस्टिवल का इंतजार कर रहे थे  और इसी दौरान  हिंदी भाषा को सीख रहे थे। हम पहली बार देहरादून में आयोजित होने वाले इस विरासत फेस्टिवल में आयें हैं और  Afghanistan से भारत के लोगों के लिए विभिन्न प्रकार के पोस्टिक  ड्राईफ्रूटस और नट्स लेकर आये हैं। जिसमें पिस्ता, अंजीर, काजू बादाम, मामरा बदाम, चिलगोजा, अखरोट, खुमानी, केसर, बदाम तेल, खजूर, अफगानी हींग के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के किशमिश भी लायें है।

चाचा हाजी अली और आसिफ नूरी बताते हैं कि हम जो Afghanistan से ड्राई फ्रूट्स लाए हैं उसमें आप आधे अखरोट के साथ दो खजूर खा ले तो वह आपके शरीर को दिन भर के लिए ऊर्जा प्रदान करेगा और तरोताजा रखेगा। ऐसे ही विभिन्न प्रकार के ड्राई फ्रूट्स के अपने-अपने गुण हैं।  वे अपने स्टाल में अफगानी ग्रीन टी भी लोगों को पिलाते हैं और बताते हैं कि यह बहुत ही रिफ्रेशिंग है और आपको सर्दी जुकाम के साथ -साथ थकान और आलस को भी दूर कर देगा। वही शाही अजमल आगे कहते हैं कि देहरादून के लोगों को मेरा स्टाल बहुत पसंद आ रहा है एवं बहुत लोगों ने हमसे सामान खरीदा है और हमारी तारीफ भी की है।

वे कहते हैं मुझे बहुत अच्छा लगता है हिंदी में लोगों से बात करना वैसे तो मैं पहली बार इतने ज्यादा ही लोगों से हिंदी में बात कर रहा हूं। मुझे देहरादून आकर पता चला कि Afghanistan से लोग भारत क्यों आना चाहते हैं, हमें यहां की संस्कृति और परंपरा भी बहुत पसंद आ रही है, मैं हर शाम विरासत में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेता हूं और बैठकर वहां जो भी प्रस्तुतियां चल रही होती है देखता हूं। कई बार हम चाचा भतीजे में से एक स्टॉल पर रहता है और एक पंडाल में प्रोग्राम देखते रहते है।  मैंने फैसला किया है कि अब जब भी विरासत देहरादून में आयोजित होगा मैं काबुल से देहरादून अपना स्टॉल लेकर जरूर आऊंगा और अगली बार मैं कोशिश करूंगा कि अपने बच्चों को भी देहरादून लेकर आऊं और उन्हें भारत की संस्कृति परंपरा और लोगों से मिलवा  शकू।

मुझे देहरादून के लोगों से बहुत प्यार मिल रहा है और यह हमारे लिए गर्व की बात है कि अफगानिस्तान से भारत के लोग इतनी मोहब्बत करते हैं और अफगानिस्तान के ड्राईफ्रूट्स को इतना पसंद कर रहे हैं। मैं विरासत को आयोजित करने वाले सभी लोगों को धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने हमें इस तरह की सुविधा दी है जिसे मैं अफगानिस्तान से भारत आकर अपना व्यापार कर रहा हूं।

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