लखनऊ, योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में राजस्व निरीक्षकों को नायब तहसीलदार के पद पर प्रमोट कर तोहफा दिया है। प्रदेश के 520 राजस्व निरीक्षकों को नायब तहसीलदार के पद पर पदोन्नत करते हुए उन्हें नए जिलों में तैनाती दे दी गई है।
प्रदेश में पांच वर्षों के बाद राजस्व निरीक्षकों को नायब तहसीलदार के पद पर पदोन्नति मिली है। आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद मनीषा त्रिघाटिया ने राजस्व निरीक्षकों की नायब तहसीलदार के पद पर पदोन्नति और उन्हें नए जिलों में तैनाती दिए जाने के बारे में आदेश जारी कर दिया है। प्रदेश में नायब तहसीलदार के 1234 पद सृजित हैं।
नायब तहसीलदार के 50 प्रतिशत पद सीधी भर्ती और शेष 50 प्रतिशत पद राजस्व निरीक्षकों के प्रमोशन से भरे जाते हैं। प्रदेश में पिछले पांच वर्षों के दौरान राजस्व निरीक्षकों की नायब तहसीलदार के पद पर पदोन्नति नहीं हो सकी थी। इसकी वजह से नायब तहसीलदार के पदोन्नति कोटे के 617 में से 607 पद खाली थे। इन पदों को पदोन्नति के माध्यम से भरने के लिए बीती 13 से 17 जुलाई तक प्रयागराज स्थित लोक सेवा आयोग में चयन समिति की बैठक हुई थी।
बैठक में चयन वर्ष 2017-18 से लेकर 2021-22 तक के लिए राजसव निरीक्षकों की नायब तहसीलदार के पद पर पदोन्नति पर विचार किया गया। चयन समिति ने जिन 520 राजसव निरीक्षकों को प्रमोशन के लिए उपयुकत पाया, राजसव परिषद ने उनकी पदोन्नति के आदेश जारी कर दिए हैं। कुछ राजसव निरीक्षकों के लिफाफे बंद होने के कारण उनके पदोन्नति आदेश जारी नहीं हुए जबकि कुछ अन्य सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
नव प्रोन्नत नायब तहसीलदारों के लिए नियुक्ति के बाद साढ़े चार महीने का प्रशिक्षण प्राप्त कर अर्हकारी परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा। परीक्षा उत्तीर्ण किए बिना उनसे न्यायिक कार्य नहीं लिया जाएगा। नव प्रोन्नत नायब तहसीलदारों को उप्र अधीनस्थ राजस्व कार्यपालक (नायब तहसीलदार) सेवा नियमावली-2003 के अनुसार विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण करना जरूरी होगा।