नई दिल्ली। अगले साल जनवरी में खाली हो रही दिल्ली की तीन राज्यसभा सीटों पर उम्मीदवारों के चयन को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) में अभी भी संशय की स्थिति है। पार्टी अभी भी यह तय नहीं कर पायी है कि इसके लिये आप के नेताओं को ही उम्मीदवार बनाना है या पार्टी से इतर विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत प्रतिष्ठित व्यक्तियों को उच्च सदन में भेजना है। आप की दिल्ली इकाई के संयोजक गोपाल राय ने बताया कि पार्टी नेतृत्व अभी इस बारे में किसी निर्णय पर नहीं पहुंचा है। उन्होंने कहा कि इस बारे में पार्टी नेतृत्व विचार विमर्श कर संभावित उम्मीदवारों के नामों को आप की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) के समक्ष अंतिम फैसले के लिये भेजेगा। पीएसी ही तीन अधिकृत उम्मीदवारों के नाम पर मुहर लगायेगी।
दिल्ली से राज्यसभा की तीनों सीटें फिलहाल कांग्रेस के पास हैं लेकिन अगले साल 28 जनवरी को खाली हो रही इन तीनों सीटों पर 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में 66 विधायकों वाली आप के उम्मीदवारों का जीतना लगभग तय है। हाल ही में राज्यसभा के लिये आप द्वारा रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन को उम्मीदवार बनाने की पहल तेज करने के साथ ही पार्टी में उम्मीदवरों के चयन को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गयी है। हालांकि राजन ने आप नेतृत्व द्वारा इस बारे में कोई संपर्क किये जाने से इंकार करते हुये राज्यसभा की सदस्यता स्वीकार करने को लेकर अनिच्छा जता दी है। राजन को राज्यसभा की पेशकश करने की पुष्टि करते हुये पार्टी के एक नेता ने बताया कि राज्यसभा के लिये आप के किसी नेता के बजाय विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत प्रतिष्ठित व्यक्तियों को नामित किया जायेगा।
राय ने पार्टी के किसी नेता या बाहर के व्यक्ति को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाने को लेकर स्पष्ट किया कि पार्टी में इस बात को लेकर अभी दो मत बरकरार हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी नेताओं का एक पक्ष राज्यसभा की सदस्यता के सैद्धांतिक मानकों की वकालत करते हुये आप नेताओं के बजाय प्रतिष्ठित व्यक्तियों को संसद के उच्च सदन में भेजने का पक्षधर है। जबकि एक अन्य समूह पार्टी के नेताओं को ही उम्मीदवार बनाने का हिमायती है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के विचारों पर अभी मंथन चल रहा है। इस बारे में अंतिम फैसला पीएसी करेगी।
उल्लेखनीय है कि आप नेता कुमार विश्वास भी राज्यसभा की उम्मीदवारी पर पार्टी कार्यकर्ताओं की इच्छा के हवाले से दावा जता चुके हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक आप में विश्वास विरोधी गुट ने ही उनकी दावेदारी को खारिज करने के लिये राजन को उम्मीदवारी की पेशकश करने और पार्टी से बाहर सामाजिक क्षेत्र के प्रतिष्ठित लोगों को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाने का शिगूफा छोड़ा है।