• Sat. Nov 23rd, 2024

ऐसे निजी उच्च शिक्षण संस्थान जहां कृषि की पढ़ाई होती है उनका भी उपयोग किया जाय: मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह

Bynewsadmin

Dec 15, 2017

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को सचिवालय में कृषि विभाग द्वारा आयोजित किसानों की आय दोगुना करने संबन्धी कार्यशाला का उद्घाटन किया।

देहरादून । मुख्यमंत्री ने उद्यान और कृषि विभाग द्वारा अलग-अलग प्रदान किये जा रहे मृदा स्वास्थ्य कार्डों की व्यवस्था समाप्त करने के निर्देश देते हुए दोनों विभागों की प्रयोगशालाओं को एकीकृत रूप में कार्य करने को कहा। अब किसान किसी भी लैब से कृषि अथवा औद्यानिकी के लिये साॅयल हेल्थ कार्ड ले सकेंगे। वर्तमान में कृषि विभाग की प्रत्येक जनपद में एक साॅयल हेल्थ लैब है तथा उद्यान विभाग की दो प्रयोगशाला कुमाऊं मण्डल तथा गढवाल मण्डल में स्थापित है। अब कृषकों को कृषि अथवा औद्यानिकी किसी भी कार्य हेतु सभी 15 प्रयोगशालाओं की सुविधा मिल सकेगी।
अफसर फार्म और फार्मर तक पहुंचे -सीएम
किसानों की आय दोगुनी करने संबन्धी कार्यशाला के आयोजन का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि तय समयसीमा के भीतर जनपद, ब्लाॅक और न्याय पंचायत स्तर तक भी ऐसी गोष्ठियां आयोजित की जाय। कृषि और उद्यान विभाग के अधिकारी किसानों के साथ प्रतिमाह मीटिंग करें। ‘‘आॅफिस में बैठकर नही, खेतों तक जाकर खेती होगी। अफसर फार्म और फार्मर तक पहुंचें’’ मुख्यमंत्री ने कहा। मुख्यमंत्री ने नई तकनीकि को बढ़ावा देने के लिये विश्वविद्यालयों तथा कृषि विज्ञान केन्द्रों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। ‘‘प्रयोग और शोध की जिम्मेदारी हमारे विश्वविद्यालयों की है’’ मुख्यमंत्री ने कहा। ऐसे निजी उच्च शिक्षण संस्थान जहां कृषि की पढ़ाई होती है उनका भी उपयोग किया जाय।
आर्गेनिक खेती को बढावा दें-सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में दस विकासखण्डों को आर्गेनिक खेती के लिये चिन्हित किया गया है। आर्गेनिक खाद के उत्पादन के वर्तमान पारंपरिक तरीके में समय लगता है। किसानों को नई तकनीकि और प्रक्रियाओं के प्रति प्रोत्साहित किया जाना चाहिये। प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालयों और अनुसंधान केन्द्रों को इस दिशा में आगे आना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘‘लैब’’ और ‘‘लैण्ड’’ दोनों के ही विशेषज्ञ कार्यशाला में बैठे हैं। किसानेां की आय दोगुना करना, उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाना, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को समृद्ध करने के लिये ठोस कार्ययोजना बनाकर मिशनरी भाव से काम करना होगा। सिर्फ योजनाएं बनाना काफी नही है। लोगों तक जाकर उनको जानकारी देना तथा उनकी मदद करना भी बहुत जरूरी है।
कृषि विभाग ने तैयार की है विस्तृत कार्ययोजना
कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में सचिव कृषि श्री डी.सेंथिल पाण्डियन द्वारा एक प्रस्तुतिकरण दिया गया। श्री पाण्डियन ने बताया कि कृषि और औद्यानिकी के क्षेत्र में सेक्टरवार विशेषज्ञ समितियों का गठन कर प्रारंभिक रोडमैप तैयार किया जा रहा है। इससे मधुमक्खी पालन, आर्गेनिक फार्मिंग, मृदा परीक्षण एवं प्रबंधन, कृषि विपणन, फल-फूल, सब्जी, मशरूम उत्पादन, कोल्ड स्टोरेज चेन, पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट, भेड़ एवं बकरी पालन, मत्स्य पालन आदि क्षेत्र सम्मिलित है। उन्होंने बताया कि कई अलग-अलग विभागों और एजेंसियों के कार्यों में समन्वय की योजना भी बनाई गई है। किसानों के छोटे-बड़े समूह, कम्पनी बनाकर बिजनेस माॅडल भी तैयार किया जा रहा है।
कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में कृषि मंत्री  सुबोध उनियाल, कुलपति पंतनगर विश्वविद्यालय डाॅ.ए.के.मिश्रा, अपर सचिव कृषि डाॅ.रामविलास यादव सहित बड़ी संख्या में कृषि वैज्ञानिक और विशेषज्ञ उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *