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ईपीएफओ में होने जा रहा है बड़ा बदलाव

Bynewsadmin

Dec 21, 2017

नई दिल्ली । कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अगले साल पूर्ण डिजिटलीकरण के साथ सभी खातों को आधार से जोड़ने का लक्ष्य रखा है। इसका मकसद लगभग 4.6 करोड़ अंशधारकों के लिए सेवा डिलीवरी बेहतर बनाना है। 2018 के लिए ईपीएफओ के एजेंडे में शेयर बाजार में निवेश की सीमा बढ़ाने का काम भी है। सेवाओं को चाक चौबंद बनाने को लेकर गंभीर ईपीएफओ भविष्य निधि खातों को बायोमीट्रिक पहचान संख्या (आधार) से जो़ड़ने और मोबाइल फोन के जरिए सार्वभौमिक खाता संख्या (यूएएन) सृजित करने पर भी गौर कर रहा है।

फिलहाल यह सर्विस ऑनलाइन उपलब्ध है। ईपीएफओ ने भविष्य निधि निकासी से लेकर पेंशनभोगियों द्वारा जीवन प्रमाणपत्र उपलब्ध कराने समेत अंशधारकों को सभी तरह की सेवाएं स्मार्टफोन पर उपलब्ध कराने के इरादे से इसी साल डिजिटलीकरण शुरू किया है। अगले वर्ष के बारे में केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त वीपी जॉय ने कहा, ‘ईपीएफओ 15 अगस्त, 2018 तक पूरी तरह कागजरहित संगठन होगा। उसका सारा कामकाज डिजिटल होगा। इसके अलावा हमारा जोर अंशधारकों और पेंशनभोगियों को सभी सेवाएं स्मार्टफोन के जरिए कहीं भी, किसी भी समय उपलब्ध कराने का लक्ष्य होगा।’

उन्होंने यह भी कहा कि ईपीएफओ एक खास सुविधा शुरू करेगा, जिसमें मोबाइल फोन के जरिए आधार को पीएफ खातों से जो़ड़ा जा सकेगा। आधारयुक्त भुगतान प्रणाली जॉय ने कहा कि ईपीएफओ सभी यूएएन को आधार से जोड़ने की प्रक्रिया में है, ताकि आधारयुक्त भुगतान प्रणाली (एईपीएस) शुरू की जा सके।

फिलहाल ईपीएफओ के अंशधारकों की तादाद 4.6 करोड़ है। इसमें से 2.75 करोड़ ने पीएफ खातों से आधार लिंक कर दिया है। हालांकि इनमें से 1.25 करोड़ के ही आधार संख्या का सत्यापन किया जा सका है। पारदर्शिता बढ़ाने की योजना ईपीएफओ एक ऐसी योजना पर काम कर रहा है, जिससे अंशधारक एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में किए गए निवेश में अपनी हिस्सेदारी देख सकेंगे।

वे अप्रैल से पीएफ खातों में ईटीएफ यूनिट देख पाएंगे। पिछले ही महीने ईपीएफओ ने सदस्यों के पीएफ खातों में ईटीएफ यूनिट डालने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अंशधारक सेवानिवृत्ति या मकान खरीदने, बच्चों की शादी या शिक्षा जैसे काम के लिए पीएफ से रकम निकालते समय इसे भुना सकते हैं। ईपीएफओ ने ईटीएफ में अगस्त, 2015 से निवेश शुरू किया और अब तक इसमें 32 हजार करोड़ रुपए लगाया जा चुका है। इससे अब तक 21.87 फीसदी का लाभ मिला है।

बढ़ाया जाएगा सामाजिक सुरक्षा योजना का दायरा

इन सबके अलावा संगठन अगले साल संगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए वेतन सीमा मौजूदा 15 हजार रुपए से बढ़ाकर 21 हजार रुपए करने पर भी विचार कर रहा है। संगठित क्षेत्र में काम करने वाले जिन कर्मचारियों का वेतन 15 हजार रुपए प्रति माह तक है, वे अनिवार्य रूप से ईपीएफओ की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के दायरे में आते हैं। इसमें मूल वेतन और महंगाई भत्ता शामिल है। एक अनुमान के मुताबिक इस कदम से ईपीएफओ की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के दायरे में करीब 50 लाख कर्मचारी और जुडेंगे।

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