स्मार्ट सिटी मिशन भारत सरकार द्वारा संचालित केन्द्र की मदद से चलने वाली योजना है, जिसके तहत नागरिकों की आकांक्षाओं, आवश्यकताओं व परिस्थितियों के अनुरूप शहर को आदर्श रूप में विकसित करना है। इसका उद्देश्य उन प्रमुख शहरों को प्रोत्साहित करना है, जो अपने नागरिकों को गुणवत्तापरक जीवन स्तर के साथ स्वच्छ और साफ-सुथरा वातावरण प्रदान करते हैं तथा स्मार्ट समाधान लागू करने का प्रयास करते हैं। योजना की अवधि 2015-16 से 2019-20 यानी पांच वर्ष तक है। इस योजना का उद्देश्य स्मार्ट सिटी मिशन के चयनित क्षेत्र का आर्थिक विकास और बुनियादी ढाँचा प्रदान करते हुए नागरिकों के लिए बेहतर जीवन स्तर के साथ-साथ स्वच्छ वातावरण प्रदान करना है
यूपी सरकार ने शहरों में अत्याधुनिक अवस्थापना सुविधाओं के विस्तार के लिए स्मार्ट सिटी मिशन के तहत चुने गए शहरों को वर्ष 2017 में 440.80 करोड़ रुपये की धनराशि केन्द्रांश के रूप में जारी की है। इसके अलावा चालू वित्तीय वर्ष के दौरान स्मार्ट सिटी मिशन के लक्ष्यों की प्राप्ति करने के लिए सरकार ने 1500 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था भी कर रखी है।
नगर विकास विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार स्मार्ट सिटी मिशन के तहत चयनित लखनऊ शहर को वर्ष 2017 में केन्द्रांश के रूप में 119.80 करोड़, वाराणसी, कानपुर और आगरा शहरों को 107-107 करोड़ रुपये जारी किए गए। इस धनराशि से इन शहरों को स्मार्ट सिटी मिशन के तहत विभिन्न योजनाएं क्रियान्वित किए जाने की अपेक्षा की गई है।
प्रदेश के 13 निकायों को स्मार्ट सिटी मिशन में चयनित किए जाने का लक्ष्य है, जिसके सापेक्ष लखनऊ, कानपुर, आगरा और वाराणसी को स्मार्ट सिटी का दर्जा प्राप्त हो चुका है। राज्य सरकार के सतत् प्रयासों के चलते अलीगढ़, झांसी व इलाहाबाद को स्मार्ट सिटी कार्यक्रम चयनित किया गया है। इन चयनित सात नगरों में एसपीवी का गठन कर दिया गया है। शेष सात नगरीय निकायों जैसे मुरादाबाद, सहारनपुर, बरेली, गाजियाबाद, मेरठ, रायबरेली एवं रामपुर का भी चयन स्मार्ट सिटी के रूप में कराये जाने का प्रयास किया जा रहा है।
क्या है स्मार्ट सिटी मिशन