चोपटा एक खूबसूरत पहाड़ी है जो की उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग जिले में समुद्री तल से 2680 मीटर की ऊंचाई पर स्थित स्टेशन है। इस गंतव्य को मिनी स्विट्ज़रलैंड के नाम से भी जाना जाता है। इसे ये उपाधि अपनी लुभावनी प्राकृतिक सुंदरता और हरे भरे घास के मैदानों जिसे बुग्यल्स भी कहा जाता है, के लिए मिली है। पर्यटक यहाँ से चौखम्बा, त्रिशूल और नंदा देवी जैसी पर्वत श्रृंखलाओं का शानदार नजारा देख सकते हैं।
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यह जगह तुंगनाथ मंदिर के लिए प्रसिद्ध है जो कि हिंदू भगवान शिव को समर्पित है। यह प्राचीन मंदिर तुंगनाथ माउंटेन रेंज में स्थित है, जो की समुद्र के स्तर से 3680 मीटर की ऊंचाई पर है और दुनिया में सबसे ज्यादा ऊँचाई पर स्तिथ शिव मंदिर के रूप में जाना जाता है। हिंदूओं कि पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह वही जगह है जहाँ रावण जो की हिंदू महाकाव्य रामायण में विरोधी है, अपने पापों का प्रायश्चित्त करता है। चोपटा से 3.5 किमी की ट्रैकिंग कर के तुंगनाथ मंदिर पहुंचा जा सकता है।
कैसे जाएं चोपटा – वनस्पतियों और जीव से भरपूर चोपटा सैलानियों को बड़ी संख्या में, विशेष रूप से प्रकृति प्रेमियों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। इसके अलावा, यह जगह पंच केदार की तरफ ट्रेक करने वालों के लिए एक आधार शिविर के रूप में कार्य करती है। यात्रि वायु, रेल और सड़क मार्ग से चोपटा तक पहुँच सकते हैं। देहरादून में स्तिथ जॉली ग्रांट हवाई अड्डा चोपटा से 226 किमी की दूरी पर स्थित सबसे निकटतम हवाई अड्डा है। इस हवाई अड्डे को नई दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से, अच्छी तरह से नियमित उड़ानें द्वारा जोड़ा गया है। चोपटा के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश में स्थित है। चोपता पहुचने के लिए यात्री हरिद्वार, देहरादून और ऋषिकेश से बस सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।
चोपटा जाने का सबसे अच्छा समय – मानसून और गर्मियों के मौसम को इस खुबसूरत हिल स्टेशन की यात्रा के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। सर्दियों में बर्फ़बारी से यहाँ का मौसम बहुत ही मन मोहक हो जाता है | यहाँ आने से पहले पूरी तैयारी के साथ आना चाहिए |