देहरादून: फिल्म ‘प्यार का पंचनामा’ ने मुझे बॉलीवुड में पहचान दिलाई तो फिल्म ‘सोनू के टीटू की स्वीटी’ ने मेरी पूरी लाइफ ही बदल दी। यदि इसे मैं लाइफ चेंजिंग फिल्म कहूं तो गलत नहीं होगा।
2011 में फिल्म ‘प्यार का पंचनामा’ से बॉलीवुड में डेब्यू करने वाले अभिनेता कार्तिक आर्यन ने कहा कि फिल्मी बैकग्राउंड से बाहर के लोगों के लिए बॉलीवुड में जगह बनाना आसान नहीं है।
कई ऑडिशन में रिजेक्ट होने के बाद कहीं जाकर बड़ी मेहनत के बाद एक अच्छी मूवी मिलती है। कई बार आदमी टूट भी जाता है। इंजीनियर की नौकरी छोड़कर ग्वालियर से निकलकर मुंबई में अपनी जगह बनाना मेरे लिए भी आसान नहीं था, लेकिन मैने कभी हिम्मत नहीं हारी। दो-तीन साल के संघर्ष के बाद मुझे ‘प्यार का पंचनामा’ मिली। इस फिल्म में मेरा पांच मिनट का डायलाग लोगों का पसंदीदा बन गया है। इसके बाद जब ‘प्यार का पंचनामा-2’ बनी तो यह डायलॉग बढ़ाकर साढ़े सात मिनट का कर दिया गया, जो इस समय बॉलीवुड का सबसे लंबा डायलाग है।
इस फिल्म के बाद मुझे ‘आकाशवाणी’ मिली। यह एक लव स्टोरी थी, जिसे दर्शकों ने काफी पसंद किया। लोग मुझे बॉलीवुड में पहचानने लगे हैं, लेकिन इस साल रिलीज हुई फिल्म ‘सोनू के टीटू की स्वीटी’ को तो दर्शकों का काफी प्यार मिला है। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट हुई है। कार्तिक कहते हैं कि आज के यूथ को कोई फर्क नहीं पड़ता कि फिल्म में स्टार कास्ट कौन है, फिल्म कितने बजट की है। उसे केवल अच्छी कहानी से मतलब है। यदि फिल्म की कहानी अच्छी है तो उसे यूथ का पूरा प्यार मिलता है। भविष्य की योजनाओं के बारे में कार्तिक कहते हैं कि कई फिल्मों के ऑफर आए हैं, कहानियां सुन रहा हूं। जल्द ही एक अच्छी फिल्म के साथ दर्शकों के बीच आऊंगा।
दून में मिला काफी प्यार
एक प्रमोशन के सिलसिले में दून पहुंचे अभिनेता कार्तिक का कहना है कि दून से उन्हें उम्मीद से ज्यादा प्यार मिला है। कार्तिक कहते हैं कि कार्यक्रम के दौरान यूथ का जिस तरीके से प्यार मिल रहा था, मैने कभी उम्मीद भी नहीं की थी। इसी प्यार को देखते हुए मैने निर्णय लिया है कि मैं दो माह बाद फिर से दून आऊंगा।