गैरसैंण, चमोली : गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने का मुद्दा सदन और सदन के बाहर दूसरे दिन भी जम कर गूंजा। सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही कांग्रेस समेत विपक्ष के विधायकों ने गैरसैंण के मसले पर सभी काम रोक कर चर्चा की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया। भोजनावकाश के बाद इस मसले पर नियम 58 के तहत सूचना की ग्राह्यता पर चर्चा के दौरान सरकार के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
बुधवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस विधायकों व निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार ने गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की मांग को लेकर नियम 310 के तहत चर्चा की मांग की और हंगामा शुरू कर दिया। कांग्रेस विधायक वेल तक पहुंच गए। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने इसे नियम 58 के तहत ग्राह्यता पर सुनने का आश्वासन दिया। इसके बाद ही प्रश्नकाल शुरू हो पाया।
भोजनावकाश के बाद इस मसले पर चर्चा करते हुए नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने कहा कि राज्य आंदोलन पर्वतीय क्षेत्रों के विकास की अवधारणा पर शुरू हुआ। अब इस मसले पर आंदोलन उग्र होता जा रहा है। सरकार इस मसले पर अपनी स्थिति स्पष्ट करे। निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार ने कहा कि आज नहीं तो कल सरकार को गैरसैंण को राजधानी घोषित करना ही होगा।
विधायक व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि राज्य निर्माण के बाद देहरादून को राजधानी और नैनीताल को हाईकोर्ट बनाना दोनो ही गलत कदम थे। कांग्रेस की नीयत साफ थी लेकिन भाजपा इस पर राजनीति कर रही है। उप नेता प्रतिपक्ष करन माहरा, काजी निजामुद्दीन, हरीश धामी, मनोज रावत, ममता राकेश, फुरकान अहमद आदि ने भी गैरसैंण को राजधानी बनाने की मांग की।
चर्चा पर सरकार की ओर से जवाब देते हुए संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि अंतरिम सरकार के गठन से लेकर अब तक भाजपा सरकार इस विषय पर काम कर रही है। यहां तक कि दीक्षित आयोग की रिपोर्ट भी सदन में रखी गई थी लेकिन उस रिपोर्ट को सदन पटल पर रखते ही फाड़ दिया गया। कांग्रेस ने निर्माण कार्य तो शुरू किया लेकिन आधा अधूरा भवन बनाया।
वर्ष 2016 में तत्कालीन सरकार के संकल्प के आधार पर ही भाजपा सरकार ने बजट सत्र यहां आयोजित किया है। सरकार यहां सारे निर्माण कार्यों को पूरा करेगी। सरकार यहां मिनी सचिवालय भी बना रही है। सरकार का यह संकल्प है कि 17 वर्षों के सारे अनसुलझे विषयों को सुलझाया जाएगा। सरकार के इस जवाब पर कांग्रेस ने सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया और वॉकआउट कर दिया।
दूसरी तरफ, राजधानी संघर्ष समिति के बैनर तले आंदोलनकारियों ने कर्णप्रयाग-रानीखेत मार्ग पर सात घंटे जाम लगाया। गैरसैंण के वीरचंद्र सिंह गढ़वाली तिराहे पर लोगों ने प्रदर्शन किया।