नई दिल्ली : भारत बंद को दौर देशभर में हो रहे हिंसक प्रदर्शन के बीच केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमने एससी/एसटी ऐक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की है। मैं सभी राजनीतिक पार्टियों और संगठनों से हिंसा नहीं भड़काने की अपील करता हूं।
दूसरी तरफ देश भर में शीर्ष अदालत के फैसले के खिलाफ जारी दलित संगठनों के प्रदर्शनों के बीच आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति भी शुरू हो गई है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भाजपा और संघ पर दलितों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है। राहुल ने ट्वीट में लिखा कि दलितों को भारतीय समाज के सबसे निचले पायदान पर रखना आरएसएस-भाजपा के डीएनए में है। जो इस सोच को चुनौती देता है उसे वे हिंसा से दबाते हैं। हजारों दलित भाई-बहन आज सड़कों पर उतरकर मोदी सरकार से अपने अधिकारों की रक्षा की मांग कर रहे हैं।
इस पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भीमराव आंबेडकर को भारत रत्न मिलने में देरी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस से पूछना चाहता हूं कि उन्हें कांग्रेस ने भारत रत्न क्यों नहीं दिया। उनका देहांत 1956 में हुआ, लेकिन उन्हें सम्मान 1989 की वीपी सिंह सरकार में मिला, जिसे भाजपा का समर्थन था। शीर्ष अदालत में पुनर्विचार याचिका दाखिल किए जाने की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि हमने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर पुनर्विचार याचिका दाखिल की है। केंद्र सरकार इस पूरे मामले में पार्टी नहीं है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की ओर से इस पर ठोस तैयारी के साथ याचिका डाली गई है। हमारा कहना है कि इस फैसले पर विचार किया जाना चाहिए।
‘सबसे ज्यादा दलित सांसद भाजपा में’
प्रसाद ने कहा कि भाजपा और नरेंद्र मोदी सरकार की प्रतिबद्धता दलितों और आदिवासियों के कल्याण के प्रति है। हमारी सरकार में सबसे ज्यादा दलित सांसद हैं। हमने लंदन में उनके स्मारक समेत देश भर में उनकी यादों को संजोने का काम किया है।’