ऋषिकेश: चारधाम यात्रा के लिए अब कुछ ही दिन का समय शेष रह गया है। यात्रा व्यवस्थाएं भले ही अभी भगवान भरोसे हों, मगर चारधाम के लिए पैदल यात्रियों का कारवां आस्था पथ पर निकल पड़ा है। इन दिनों चारधाम यात्रा के प्रवेश द्वार ऋषिकेश में प्रतिदिन पंद्रह से बीस पैदल यात्री यात्रा के लिए पंजीकरण करा रहे हैं।
उत्तराखंड की प्रसिद्ध तीर्थयात्रा पर आज भी हजारों की संख्या में तीर्थयात्री पैदल ही यात्रा करते हैं। इनमें ज्यादातर साधू-संन्यासी और आर्थिक रूप से कमजोर लोग होते हैं। देश भर में होने वाले विभिन्न धार्मिक आयोजनों में शिरकत करने के बाद विभिन्न अखाड़ों से जुड़े साधू-संत चारधाम यात्रा में समूह बनाकर पैदल ही यात्रा शुरू कर देते हैं।
इन दिनों तीर्थनगरी ऋषिकेश से चारधाम के मार्गों पर ऐसे सधक नजर आ रहे हैं। ऋषिकेश में बस टर्मिनल कंपाउंड स्थित चारधाम यात्रा के पंजीकरण काउंटर पर प्रतिदिन पंद्रह से बीस पैदल यात्री पंजीकरण करा रहे हैं। जबकि यात्रा के नजदीक आते ही अब यह आंकड़ा बढ़ने लगा है।
मंगलवार को फोटोमैट्रिक पंजीकरण कराने पहुंचे बाबा दामोदर गिरी ने बताया कि वह चार अन्य संतों के साथ काशी से चारधाम यात्रा के लिए आये हैं। यहां पहुंचकर उन्हें दस और साधू-संत यात्रा के साथी मिल गये हैं। अब वह सभी एक साथ चारधाम यात्रा के लिए रवाना हो रहे हैं।
अब तक 2034 ने कराया पंजीकरण
चारधाम यात्रा के लिए अब तक 2034 यात्री पंजीकरण करा चुके हैं। चारधाम यात्रा के लिए फोटोमैट्रिक पंजीकरण का काम संभालने वाली त्रिलोक सेक्योरिटी सिस्टम के सुपरवाइजर प्रेम अनंत ने बताया कि इस बार ऑनलाइन पंजीकरण का भी अच्छा रिस्पांस आ रहा है। अब तक कुल 1557 लोग चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण करा चुके हैं। जबकि 477 यात्री ऋषिकेश सेंटर में पंजीकरण कराकर पैदल यात्रा पर निकल चुके हैं। मंगलवार को ही 57 लोगों ने चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण किया है।