ऋषिकेश: अब बेटी भी पुत्र धर्म निभाने में पीछे नहीं है। ऐसा ही एक उदाहरण ऋषिकेश क्षेत्र में देखने को मिला। मुनिकीरेती के पूर्णानंद घाट पर एक बेटी ने अपने पिता की चिता को मुखाग्नि देकर सामाजिक वर्जनाएं तोड़कर मिसाल कायम की।
राजीव ग्राम 14 बीघा मुनिकीरेती निवासी काशीराम नौटियाल (75 वर्ष) का बीमारी की हालत में निधन हो गया। वह ग्राम सभा के पूर्व पंचायत सदस्य भी रहे हैं।
अपने पीछे वह स्वास्थ्य विभाग से सेवानिवृत्त पत्नी सुभद्रा के अलावा तीन पुत्रियां कांति (38), आरती (33) और पूजा (28 वर्ष) को छोड़ गए। कांति और पूजा का विवाह हो चुका है।
काशीराम नौटियाल के सबसे छोटे पुत्र अंकित का 19 वर्ष की उम्र में वर्ष 2008 में छिद्दरवाला में हुई सड़क दुर्घटना में निधन हो गया था। परिजनों ने बताया कि मंझली बेटी आरती ने माता पिता की सेवा करने के लिए विवाह नहीं किया।
अब पिता की मृत्यु के पश्चात आरती ने पुत्र धर्म निभाया। वह शवयात्रा के साथ शनिवार को गंगा तट पूर्णानंद घाट पर पहुंची। यहां रीति रिवाज के अनुसार इस बेटी ने अपने पिता की चिता को मुखाग्नि दी।