देहरादून: दून का वायु प्रदूषण चरम स्तर तक पहुंच चुका है। भारत हैवी इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीएचईएल) के पॉल्यूशन कंट्रोल रिसर्च इंस्टीट्यूट के ताजा आंकड़ों में दून में पीएम-10 व पीएम-2.5 का स्तर मानक से पांच से सात गुना तक अधिक पाया गया है। यह रिपोर्ट पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, क्लीन एयर एशिया व गति फाउंडेशन की ओर से संयुक्त रूप से आयोजित कार्यशाला में रखी गई।
वायु प्रदूषण की रिपोर्ट को सार्वजनिक करते हुए बीएचईएल के सहायक महाप्रबंधक अंबरीश कुमार ने बताया कि दून के विभिन्न क्षेत्रों पार्टिकुलेट मैटर (पीएम)-10 व पीएम-2.5 के स्तर की जांच की गई। प्रदूषण के वाजिब कारणों को जानने के लिए सर्दी, गर्मी व बारिश के बाद के मौसम के भी आंकड़े लिए गए।
पता चला कि पीएम-10 का जो औसत स्तर 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से अधिक नहीं होना चाहिए, उसका अधिकतम स्तर सात गुना तक पाया गया। वहीं, पीएम-2.5 का औसत स्तर 40 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से अधिक नहीं होना चाहिए। जबकि यह करीब छह गुना से अधिक पाया गया। प्रदूषण की अधिकतर दर सर्वे चौक क्षेत्र में पाई गई।
रिपोर्ट में शहर के केंद्र घंटाघर क्षेत्र में वाहनों की आवाजाही के आंकड़े भी जुटाए गए, जो कि न सिर्फ चौंकाने वाली तस्वीर बयां कर रहे थे, बल्कि यह बात भी सामने आई कि वाहनों की संख्या के सापेक्ष प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर की गई कार्रवाई बेहद सीमित रही। कार्यशाला में बोर्ड के सदस्य सचिव एसपी सुबुद्धि, क्लीन एयर एशिया की कंट्री डायरेक्टर प्रार्थना बोरा, गति फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष अनूप नौटियाल, सर गंगा राम हॉस्पिटल के विशेषज्ञ डॉ. अरविंद कुमार आदि उपस्थित रहे।
प्रदूषण का अधिकतम स्तर
(माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर में)
मौसम—————-पीएम-10—-पीएम-2.5
गर्मी——————-413———–249
सर्दी——————–342———–226
मानसून के बाद——327———–222