ऋषिकेश : लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने अपना 75वां जन्मदिन स्वर्गाश्रम में गंगा तट पर सादगी के साथ मनाया। प्रात:काल गंगा पूजन के पश्चात उन्होंने श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण किया और संतों का आशीर्वाद लिया। शाम को उन्होंने गंगा आरती में भी भाग लिया।
अपने तीन दिवसीय उत्तराखंड प्रवास पर लोकसभा अध्यक्ष बुधवार को स्वर्गाश्रम स्थित परमार्थ आश्रम पहुंची थीं। अपनी इस यात्रा को सामान्य बताते हुए उन्होंने कहा कि कुछ समय गंगा और श्रीमद्भागवत के सानिध्य में बिताने आई हैं। गुरुवार सुबह भी सुमित्रा महाजन ने यह जाहिर नहीं किया कि आज उनका जन्मदिन है। उनके दिन की शुरुआत आश्रम परिसर में प्रात:कालीन भ्रमण से हुई। उन्होंने अपने कक्ष में योग एवं प्राणायाम भी किया और गंगा पूजन कर मां गंगा से आशीर्वाद लिया। दोपहर बाद उन्होंने परमार्थ निकेतन में साधकों के बीच बैठकर श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण किया। कथा समाप्ति के पश्चात जब व्यास पीठ से सुमित्रा महाजन को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी गईं तो उन्होंने कथा व्यास स्वामी गोविंद देव गिरी महाराज से आशीर्वाद ग्रहण किया। उत्तराखंड विस अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने उन्हें केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति भेंट की। मंच पर उपस्थित भागवत कथा मर्मज्ञ साध्वी ऋतंभरा भारती ने भी उन्हें शुभकामनाएं दीं।
राजनीति में प्रामाणिकता दिलाती है सफलता
परमार्थ घाट पर आयोजित गंगा आरती और सत्संग कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन अभिभूत नजर आईं। उन्होंने कहा कि राजनीति में प्रामाणिकता के साथ जिया जा सकता है, यह उन्होंने राजनीति से ही सीखा। कहा कि उन्होंने जीवन में पहली बार इतना लंबा समय भागवत, गंगा और संतों के सानिध्य में बिताया। ऐसे ही सभी राजनेताओं को संतों का सानिध्य प्राप्त करना चाहिए। इससे जीवन को नई दिशा मिलती है। इससे पूर्व, परमार्थ निकेतन परिवार की ओर से लोकसभा अध्यक्ष का जन्मदिन हरित दिवस के रूप में मनाया गया। परमार्थ के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने उन्हें ऋषिकुमारों केमाध्यम से रुद्राक्ष के 75 पौधे भेंट किए। उन्होंने कहा कि गंगा की तरह प्रत्येक देशवासी के दिल में भक्ति का प्रवाह होना चाहिए। हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि जहां गंगा का जन्म हुआ, वहां हम सुमित्रा महाजन जैसी प्रतिभा का जन्मदिन मना रहे है। यह हमारे लिए गौरव की बात है।
दिल के उद्गारों में झलका मर्म
परमार्थ घाट पर श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए लोस अध्यक्ष सुमित्रा महाजन भावुक हो उठीं। बोलीं, ‘मैं सामान्य परिवार से राजनीति में आई हूं। हमारे यहां राजनीतिक क्षेत्र को अच्छा नहीं माना जाता। मगर, मैं जिस दिन राजनीति में आई, पति से कह दिया था कि जब कभी मेरे हाथों कुछ गलत होता नजर आए तो बता देना, मैं तुरंत वापस लौट आऊंगी। मेरा सौभाग्य है कि इंदौर की जनता का मुझे निरंतर आशीर्वाद मिलता रहा।’ सुमित्रा महाजन ने यह भी कहा कि लोकसभा अध्यक्ष तक के उनके सफर ने राजनीति में प्रामाणिकता को साबित किया है।