देहरादून: राज्य के सभी नगर निगमों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के साथ ही पेयजल व सीवरेज सिस्टम समेत अन्य कार्यों के लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) ने 1700 करोड़ की राशि देने को सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान कर दी है। एडीबी के इंडिया रेजीडेंट मिशन के कंट्री डायरेक्टर केनिची योकोयामा ने सोमवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात कर यह जानकारी दी। वहीं, इस मंजूरी के बाद शासन भी सक्रिय हो गया और शाम को मुख्य सचिव ने एडीबी के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। बताया गया कि सरकार राज्य में नगरीय सुधार कार्यक्रम लागू करेगी और नगर निकायों के लिए अलग से निदेशालय बनाया जाएगा। इस राशि से होने वाले कार्यों के बाद सभी प्रमुख शहरों में 24 घंटे जलापूर्ति के साथ ही अन्य सुविधाओं में सुधार होगा।
एडीबी के इंडिया रेजीडेंट मिशन के निदेशक योकोयामा ने अपने सहयोगियों के साथ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से भेंट की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि नगरीय सुविधाओं को विकसित कर उन्हें बेहतर बनाने को सरकार प्रतिबद्ध है। राज्य में संस्थागत प्रक्रियाओं को पारदर्शी और आउटकम बेस्ड बनाया जा रहा है। एडीबी सहायतित कार्यक्रमों की मजबूती के लिए उन्होंने प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (पीएमयू) और अंतरविभागीय समन्वय पर बल दिया।
एडीबी के कंट्री डायरेक्टर योकोयामा ने नगर निकायों की आर्थिक रूप से मजबूती और उनके संसाधनों के बेहतर प्रबंधन के लिए रिफार्म प्रोग्राम चलाने की बात भी कही। साथ ही भरोसा दिलाया कि राज्य को एडीबी से फंड की कमी नहीं होने दी जाएगी। नए प्रस्तावों पर भी विचार किया जाएगा। इस मौके पर शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, शहरी विकास सचिव आरके सुधांशु, वित्त सचिव अमित नेगी, एडीबी साउथ एशिया के नगर विकास डिवीजन के निदेशक शेखर बोनू, विशेषज्ञ एलेक्जेंड्रा आदि मौजूद थे।
अक्टूबर तक तैयार होगी डीपीआर
शाम को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एडीबी के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में इस राशि से होने वाले कार्यों के साथ ही सरकार की ओर से उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा की गई। बताया गया कि इस योजना में सभी प्रमुख शहरों में 24 घंटे पानी की आपूर्ति, सीवरेज सिस्टम, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, सड़क और परिवहन व्यवस्था में सुधार होगा। साथ ही शहरों का सौंदर्यीकरण भी किया जाएगा।
बैठक में मुख्य सचिव ने भरोसा दिलाया कि सरकार राज्य में नगरीय सुधार कार्यक्रम लागू करेगी। पीएमयू को मजबूत किया जाएगा। 30 फीसद डीपीआर अक्टूबर तक तैयार होगी। पहले चरण में परियोजना के लिए अलग से पीआइयू बनेगा। साथ ही नगर निकायों के लिए अलग से निदेशालय बनाया जाएगा। इसके अलावा नगरीय डाटा सेंटर की स्थापना, जीएसटी आधारित प्रॉपर्टी टैक्स, जल संस्थान में चौबीस घंटे जलापूर्ति सेल जैसे कदम भी उठाए जाएंगे।