नई दिल्ली । विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को बीजिंग में आयोजित शंघाई कोऑपरेशन आर्गेनाइजेशन बैठक में हिस्सा लिया। विदेश मंत्री ने कहा कि आतंकवाद जीवन, शांति और समृद्धि जैसे मूल मानवाधिकारों का दुश्मन है। संरक्षणवाद के सभी रूपों को खारिज किया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने काबुल, कंधार, नई दिल्ली और मुंबई के बीच एयर कार्गो कोरिडोर का जिक्र करते हुए कहा कि शंघाई कोऑपरेशन देशों के साथ कनेक्टिविटी भारत की प्राथमिकता है। विदेश मंत्री बिजिंग में जारी एससीओ मीटिंग को संबोधित कर रहीं थीं।
बता दें कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण भी एससीओ बैठक के लिए यहां आ चुकी हैं। एससीओ की रक्षा और विदेश मंत्रियों की बैठक एक ही वक्त में हो रही है। रक्षा मंत्रियों और विदेश मंत्रियों की बैठक जून में किंगदाओं शहर में होने वाली एससीओ शिखर सम्मेलन की तैयारियों के तहत हो रही हैं।
जून में होने वाले शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भाग ले सकते हैं। भारत और पाकिस्तान पिछले ही साल इसके सदस्य बने हैं और उसके बाद शीर्ष- मंत्री स्तर की यह पहली बैठकें है। आज हो रही बैठकों में क्षेत्रीय सुरक्षा और आतंकवाद सहित अनेक मुद्दों पर चर्चा होने की और एससीओ शिखर सम्मेलन का एजेंडा तय होने की उम्मीद है।
एससीओ की स्थापना 2001 में हुई थी। चीन, रूस, कजाखिस्तान, उज्बेकिस्तान, तजाकिस्तान, किर्गिस्तान, भारत और पाकिस्तान इसके सदस्य देश हैं। इस संगठन का उद्देश्य सदस्य देशों के बीच सैन्य सहयोग बढ़ाना, खुफिया जानकारी साझा करना , मध्य एशिया में आंतकवाद विरोधी अभियान चलाना तथा साइबर आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हो कर काम करना है।
बता दें कि 21 अप्रैल को स्वराज अपने चार दिवसीय चीन दौरे पर आयी थीं और रक्षा मंत्री कल रात ही यहां पहुंची हैं।