देहरादून: सूफी गायक कैलाश खेर की कंपनी कैलाशा द्वारा केदारनाथ पर बनाए गए सीरियल से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर फिल्माए गए सभी दृश्य हटाए जाएंगे। वहीं, सीरियल के कॉपीराइट को लेकर भी कैलाशा इंटरटेंनमेंट और प्रदेश सरकार के बीच स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है। इस कारण न केवल सीरियल के प्रसारण को लेकर अनिश्चय की स्थिति बनी हुई है, बल्कि कंपनी का तकरीबन दो करोड़ का भुगतान भी अटका हुआ है।
प्रदेश में वर्ष 2013 में आई भयावह प्राकृतिक आपदा पर सूफी गायक कैलाश खेर की कंपनी कैलाशा ने बाबा केदार नाम से एक धारावाहिक बनाया था। इस धारावाहिक में अमिताभ बच्चन के साथ ही तमाम मशहूर कलाकार प्रस्तुतकर्ता की भूमिका में हैं।
इस सीरियल के 12 एपिसोड बन कर तैयार हैं। तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा इस सीरियल का भुगतान आपदा मद से किए जाने के कारण खासा हंगामा हुआ था। इस सीरियल की लागत नौ करोड़ से अधिक है। इसका अधिकांश भुगतान हो चुका है और अब दो करोड़ का भुगतान होना बाकी है।
प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद जब भुगतान का मामला सामने आया तब शेष भुगतान सूचना विभाग के जरिये कराने का निर्णय लिया गया। इस बीच इस सीरियल के कॉपीराइट को लेकर भी विवाद हो गया। प्रदेश सरकार का यह कहना था कि सीरियल बनाने का सारा खर्च प्रदेश सरकार ने दिया है, इसलिए कॉपीराइट का अधिकार भी प्रदेश सरकार के पास होना चाहिए।
वहीं कैलाशा इंटरटेनमेंट कंपनी इसके कॉपीराइट पर अपना अधिकार जता रही है। इसी के चलते यह भुगतान फंसा हुआ है। इसके अलावा सरकार ने कंपनी को सीरियल में कुछ परिवर्तन करने को भी कहा है। इसके मुतबिक सीरियल में जितने भी दृश्य तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत व तत्कालीन प्रदेश सरकार के मंत्रियों पर फिल्माए गए थे वे भी इससे बाहर किए जा रहे हैं।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि इस सीरियल में कुछ दृश्यों को हटाया जाएगा। जहां तक भुगतान का मामला है तो कॉपीराइट को लेकर कुछ विवाद है। इसके बाद इस पर निर्णय होगा। वहीं, सचिव आपदा प्रबंधन अमित नेगी का कहना है कि कंपनी को साठ फीसद से अधिक भुगतान किया जा चुका है। शेष राशि अब सूचना विभाग के जरिये दी जानी है।