देहरादून: शासन ने 39 नगर पालिका और 38 नगर पंचायतों के अध्यक्ष पदों के प्रस्तावित आरक्षण एवं आवंटन की अनंतिम अधिसूचना सूचना जारी कर दी है। शासन ने प्रस्तावित आरक्षण एवं आवंटन पर सात दिनों के भीतर सुझाव आमंत्रित किए हैं। इसके बाद सुझाव व आपत्तियां स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
आपत्तियों पर सुनवाई के बाद इसकी सूचना शासन को प्रेषित की जाएगी। जहां इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। वहीं, नगर निगमों के संबंध में मामला कोर्ट में होने के चलते इनके आरक्षण को लेकर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है।
शहरी विकास विभाग की ओर से नगर पालिकाओं के अध्यक्ष पद के लिए जारी अधिसूचना के तहत विकासनगर नगर पालिका को अनुसूचित जाति, मसूरी को सामान्य, हरबर्टपुर को महिला व डोईवाला को ओबीसी रखा गया है।
शिवालिक नगर, मंगलौर, लक्सर और उत्तरकाशी को सामान्य की श्रेणी में रखा गया है। नगर पालिका बड़कोट महिला, चिन्यालीसौड़ ओबीसी (महिला), गोपेश्वर अनुसूचित जाति, जोशीमठ सामान्य, गौचर व कर्णप्रयाग महिला, टिहरी ओबीसी (महिला), नरेंद्रनगर, सामान्य, चंबा, महिला, देवप्रयाग व मुनिकीरेती सामान्य, रुद्रप्रयाग महिला, पौड़ी, सामान्य, दुगड्डा महिला, पिथौरागढ़ सामान्य, धारचूला अनुसूचित जाति (महिला), डीडीहाट महिला की श्रेणी में रखा गया है।
टनकपुर, चंपावत व अल्मोड़ा सामान्य, चिनियानौला अनुसूचित जाति (महिला), बागेश्वर व नैनीताल सामान्य, रामनगर ओबीसी, भवाली सामान्य, गदरपुर ओबीसी, जसपुर, सामान्य, किच्छा, अनुसूचित जाति, सितारगंज, अनारक्षित, खटीमा अनुसूचित जनजाति, महुआखेड़ागंज, सामान्य की श्रेणी में रखी गई है। वहीं, शासन ने 38 नगर पंचायतों में अध्यक्ष पद का आरक्षण निर्धारित करते हुए उनकी भी सूची जारी कर दी गई है।
बाजपुर व श्रीनगर के सीमा विस्तार को मांगी आपत्तियां
शासन ने नगर पालिका परिषद बाजपुर व श्रीनगर के सीमा विस्तार के लिए फिर से आपत्तियां एवं सुझाव आमंत्रित किए हैं। शहरी विकास विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया कि जिन व्यक्तियों ने सीमा विस्तार के संबंध में पहले आपत्तियां दे दी हैं उन्हें फिर से इसे देने की जरूरत नहीं है।
नई आपत्तियों के लिए सात दिन का समय दिया गया है। इसके बाद जिलाधिकारी ऊधमसिंह नगर व पौड़ी इनका निस्तारण करते हुए इसे शहरी विकास विभाग को प्रेषित करेंगे।
महिला आरक्षित वार्डों पर सवाल
देहरादून नगर निगम में महिला आरक्षित वार्डों को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं। सबसे पहले 93 नंबर वार्ड पर आपत्ति आ गई है। सरकार ने यह वार्ड पिछली जाति महिला के लिए आरक्षित किया है, जबकि वार्ड के पुरुषों का आरोप है कि ग्राम पंचायत के वक्त भी पूरी ग्राम सभा महिलाओं के लिए आरक्षित थी। ऐसे में इस बार यहां महिला आरक्षण नहीं होना चाहिए था। जिलाधिकारी दफ्तर में इसे लेकर आपत्ति लगाई गई है।
वार्ड-93 आरकेडिया-2 को लेकर हेमंत सिंह भंडारी व 14 अन्य पुरुषों ने आपत्ति दाखिल की है। उनका आरोप है कि पिछले ग्राम सभा चुनाव में जिला पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान, क्षेत्रीय पंचायत सदस्य व वार्ड सदस्य की सीटें महिला आरक्षित थी।
अब भी सरकार ने सीट फिर से महिला आरक्षित कर दी। पुरुषों ने इसे केवल पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित करने की मांग की। वहीं, शहर में भी कुछ सीटों पर महिला आरक्षण को लेकर हलचल मची हुई है। इसमें कईं सीटें ऐसी हैं जिन पर वर्तमान में भाजपा व कांग्रेस के पुरुष पार्षद काबिज हैं।
उनका आरोप है कि विधायकों ने मन-मुताबिक आरक्षण प्रक्रिया को अंजाम दिलाया। इसे लेकर शनिवार को नगर निगम में पार्षदों ने एक गोपनीय बैठक कर आक्रोश भी जाहिर किया। भाजपा पार्षदों ने पार्टी हाईकमान में मामला ले जाने की बात कही।
अवकाश में भी दर्ज होंगी आपत्ति
नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत के आरक्षण के खिलाफ चार मई तक आपत्तियां दर्ज होंगी। अगले दो दिन अवकाश के चलते डीएम दफ्तर और नगर निगम में अवकाश के बावजूद आपत्ति दर्ज हो सकेगी। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व बीर सिंह बुदियाल ने बताया कि शासन ने निकाय चुनाव को लेकर आरक्षण तय कर दिया है।
आरक्षण को लेकर यदि किसी को ऐतराज है तो वह अपनी आपत्ति सात दिनों के भीतर दर्ज करा सकते हैं। इसके लिए कलक्ट्रेट स्थित आपदा कंट्रोल रूम व नगर निगम कार्यालय में आपत्ति कक्ष बनाए गए हैं।
यहां अवकाश के दिन भी आपत्तियां दर्ज करा सकते हैं। आपत्ति सुबह 10 से शाम पांच बजे के बीच दर्ज होंगी। दर्ज आपत्तियां एक सप्ताह के बाद निस्तारित कर शासन को रिपोर्ट भेज दी जाएगी। एडीएम ने बताया कि नगर निगम देहरादून व ऋषिकेश, नगर पालिका डोईवाला व विकासनगर के लिए आरक्षण पर आपत्तियां दर्ज की जाएंगी।