गैरसैंण, चमोली : यह प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को बयां करती तस्वीर है। चमोली जिले के दूरस्थ क्षेत्र गैरसैंण में एंबलेंस सेवा 108 का इंतजार करते एक गर्भवती की जान चली गई। दूसरी ओर 108 सेवा के जिला प्रभारी यशवंत नेगी ने बताया कि वाहन तेल भरवाने गया था, जिस कारण समय पर उपलब्ध नहीं हो सका।
गैरसैंण तहसील के मठकोठ निवासी 28 वर्षीय भागा देवी पत्नी हरीश चंद्र को आठ माह का गर्भ था। इसी सिलसिले में मंगलवार को नियमित परीक्षण के लिए वह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गैरसैंण आई थीं। चिकित्सक ने परीक्षण कर उन्हें बुधवार को फिर बुलाया।
सुबह एकाएक भागा देवी की तबियत खराब हो गई। परिजनों ने 108 सेवा को फोन किया, लेकिन काफी देर इंतजार के बाद भी वाहन नहीं पहुंचा। इस बीच परिजन वाहन की वैकल्पिक व्यवस्था करने में जुट गए, लेकिन इस बीच भागा देवी ने दम तोड़ दिया।
मठकोठ की एएनएम विमला आर्य ने बताया कि गर्भवती स्वस्थ थी व उसका हीमोग्लोबिन 10 से अधिक था। निर्धारित समय पर टीकाकरण भी किया गया था। सूचना मिलने पर स्वास्थ्य कर्मियों की टीम गांव पहुंची और जानकारी ली।
सीएचसी गैरसैंण के चिकित्साधिक्षक डॉ. मणिभूषण पंत के मुताबिक प्रसूता नियमित जांच को अस्पताल पहुंची थी, उसे हल्का बुखार था, चिकित्सक द्वारा दवा दी गई। प्रसूता की मौत का कारण पोस्टमार्टम के बाद ही पता लग सकती है किन्तु परिजनों ने पोस्टमार्टम करने से इन्कार किया है।
सामने आती रही है 108 की लापरवाही
108 सेवा की लापरवाही का क्षेत्र में पहला मामला नही है दो दिन पूर्व ही ग्वाड़ गांव में पेड़ से गिर कर गंभीर रूप से घायल महिला को अस्पताल से मात्र दो किमी दूर डेढ़ घंटे वाहन का इंतजार करना पड़ा था, जबकि 25 अप्रैल को मठकोठ गांव में ही आगजनी के दौरान बुरी तरह झुलसे 36 वर्षीय दिनेश राम को घंटों इंतजार के बाद निजी वाहन से अस्पताल पहुंचाया गया।