गैरसैंण, चमोली : अव्यवस्था का पर्याय बन चुकी 108 सेवा की लेटलतीफी से गैरसैंण में एक और मासूम की जान चली गई। पांच घंटे विलंब से पहुंची एंबुलेंस के हायर सेंटर पहुंचने से पहले ही बच्चे ने दम तोड़ दिया। इससे पांच दिन पहले भी एंबुलेंस की देरी के चलते आठ माह की गर्भवती महिला ने दम तोड़ दिया था।
गैरसैंण विकासखंड के मठकोठ निवासी प्रकाश लाल के डेढ़ वर्षीय बालक अमन की रविवार शाम तबीयत बिगड़ गई। इस पर परिजन बच्चे को रात्रि नौ बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गैरसैंण ले गए। बच्चे के पिता प्रकाश लाल ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्र गैरसैंण के चिकित्सकों ने हर संभव प्रयास किया, लेकिन बच्चे की हालत में सुधार नहीं हुआ।
इसके बाद रात्रि 10 बजे रात एंबुलेंस के लिए फोन किया गया, लेकिन 108 संचालकों ने गैरसैंण की एंबुलेंस खराब होने की बात कह कर (चौखुटिया) अल्मोड़ा से 108 भेजे जाने की बात कही। इस बीच गैरसैंण स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक लगातार बच्चे को बचाने की कोशिश में जुटे रहे।
रात करीब ढाई बजे एंबुलेंस गैरसैंण पहुंची और गंभीर स्थिति में बच्चे को लेकर हायर सेंटर श्रीनगर के लिए रवाना हुई। रास्ते में 108 की पैरामेडिकल टीम बच्चे की हालत पर नजर रख रही थी, किन्तु बेस अस्पताल श्रीनगर पहुंचने से पहले प्रात: चार बजे के करीब रुद्रप्रयाग के समीप बच्चे ने दम तोड़ दिया।
मृत बच्चे के परिजनों को मलाल है कि 10 बजे एंबुलेंस उपलब्ध होने की दशा में दो बजे श्रीनगर अस्पताल पहुंचना तय था। इससे बच्चे की जान बच सकती थी।
उल्लेखनीय है कि बुधवार को गैरसैंण तहसील के मठकोठ निवासी 28 वर्षीय भागा देवी पत्नी हरीश चंद्र को आठ माह की गर्भवती थी। पिछले बुधवार की सुबह एकाएक तबीयत खराब हो गई। परिजनों ने 108 सेवा को फोन किया, लेकिन काफी देर इंतजार के बाद भी वाहन नहीं पहुंचा। इस बीच परिजन वाहन की वैकल्पिक व्यवस्था करने में जुट गए, लेकिन इस बीच भागा देवी ने दम तोड़ दिया।