देहरादून: मौसम विभाग के अलर्ट के अनुरूप देहरादून व आसपास के क्षेत्र में देर रात मौसम का मिजाज बिगड़ा और तेज हवाएं चली। इस दौरान बिजली आपूर्ति को ऐहतियातन बंद कर दिया गया। तेज हवाओँ के बाद उत्तराखंड के अधिकांश हिस्सों में बारिश शुरू हो गई। किसी भी क्षेत्र में अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। वहीं, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने खराब मौसम व चारधाम यात्रा के चलते मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से बातचीत की। साथ ही उन्हें आश्वस्त किया कि केंद्र से राज्य को हर तरह की मदद मुहैया कराई जाएगी।
केदारनाथ में सर्दी व आक्सीजन की कमी के चलते गत दिवस से आज तक दो तीर्थयात्रियों की मौत हो गई। वहीं, बारिश के चलते चारधाम यात्रा मार्गों पर स्थानीय जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी किया हुआ है।
मौसम विभाग के मुताबिक उत्तराखंड में दो दिन चुनौती भरे हो सकते हैं। चेतावनी जारी की गई है कि ओलावृष्टि के बाद 70 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी। पिछले दिनों कुमाऊं में आंधी से चार लोगों की जान चली गई थी। इसके चलते देहरादून, उत्तरकाशी, टिहरी, रुद्रप्रयाग, चमोली, हरिद्वार, अल्मोड़ा और बागेश्वर में 12वीं तक स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया है।
सोमवार को सुबह से चारों धामों में बारिश के साथ बर्फबारी का दौरा शुरू हुआ। गढ़वाल मंडल के साथ ही कुमाऊं के कई इलाकों में रुक-रुक कर बारिश हो रही है। हेमकुंड में भी बर्फबारी के चलते यात्रा की तैयारियों के कार्य ठप पड़े हैं। वहीं यमुनोत्री हाईवे डाबरकोट के पास बदरीनाथ हाईवे लामबगड़ के पास भूस्खलन से अवरुद्ध हो गया। सुरक्षा कारणों से बदरीनाथ यात्रियों को पांडुकेश्वर, बद्रीनाथ, जोशीमठ में रोका गया।आंधी के चलते देहरादून में कई स्थानों पर पेड़ उखड़ गए।
बर्फबारी की वजह से हरीश रावत फंसे केदारनाथ
खराब मौसम के चलते कांग्रेस के नेता एवं पूर्व सीएम हरीश रावत सहित, सांसद प्रदीप टम्टा के साथ ही विधायक मनोज रावत केदारनाथ धाम में फंस गए हैं। वहां लगातार बारिश और बर्फबारी के चलते हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर पा रहा है। ऐसे में इन नेताओं को वहां मौसम खुलने का इंतजार है।
केदारनाथ पैदल यात्रियों को पड़ावों पर रोका
मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए प्रशासन ने केदारनाथ जाने वाले यात्रियो को सोनप्रयाग व गौरीकुंड मे रोक दिया है। वहीं, खबार मौसम के चलते हेलीकॉप्टर सेवाएं भी ठप हैं। केदारनाथ में लगातार बारिश और बर्फबारी के चलते तीन ईंच से अधिक बर्फ जम गई है।
चारधाम यात्रा पर भी दिख रहा असर
मौसम विभाग के स्तर से जारी तूफान और बारिश के अलर्ट का असर चार धाम यात्रा पर भी देखने को मिला है। मंगलवार की सुबह यात्रा पर जाने वाले कई श्रद्धालु मौसम को देखते हुए फिलहाल यही रुक गए है। सयुंक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति के द्वारा सोमवार की शाम तक विभिन्न धामों के लिए 85 बसों की एडवांस बुकिंग की गई थी। इन सभी बसों को ऋषिकेश से सुबह 8:00 बजे तक रवाना होना था।
मौसम विभाग द्वारा देश के कई हिस्सों सहित उत्तराखंड में भी मंगलवार को बारिश और तूफान का अलर्ट जारी किया गया। जिसे देखते हुए कई यात्रियों ने अपनी यात्रा फिलहाल स्थगित कर दी है। सयुंक्त रोटेशन कार्यालय से अब तक सिर्फ 15 बसें ही रवाना हो पाई है।
सयुंक्त रोटेशन के प्रशासनिक अधिकारी बृज भानु प्रकाश गिरि ने बताया कि करीब 40 बसों के यात्रियों ने फिलहाल यात्रा पर जाने का निर्णय स्थगित कर रखा है। हालांकि किसी भी यात्री द्वारा बस की बुकिंग कैंसिल नहीं कराई गई है। सभी यात्री मौसम का मिजाज देख रहे हैं। चार धाम यात्रा बस टर्मिनल कंपाउंड में चार धाम के यात्रा मार्गों और मौसम का हाल बताने के लिए यहां किसी भी प्रकार की व्यवस्था नहीं की गई है।
अब तक यहां यात्रियों की सुविधा के लिए डिस्प्ले बोर्ड नहीं लगा है। बाहर से आने वाले श्रद्धालु मौसम का हाल जानने के लिए बस टर्मिनल कंपाउंड में स्थित यात्रा प्रशासन ,पर्यटन कार्यालय, पुलिस चौकी और बुकिंग काउंटर के चक्कर लगा रहे हैं। प्रशासन, परिवहन विभाग और पुलिस प्रशासन का कोई भी अधिकारी और प्रतिनिधि यात्रा संचालन केंद्र में मौजूद नहीं है। यहां पहुंचने वाले यात्री एतिहात के तौर पर बरसाती और गर्म कपड़ों की खरीददारी कर रहे हैं।
राजनाथ सिंह ने सीएम से की वार्ता
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से दूरभाष पर वार्ता की। उन्होंने राज्य में वर्षा एवं तूफान जनित स्थिति की जानकारी प्राप्त की। राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि केंद्र सरकार किसी भी आकस्मिक परिस्थिति में हर प्रकार की सहायता उपलब्ध कराने के लिए तैयार है।
एनडीआरएफ की टीमों को हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को धन्यवाद करते हुए अवगत कराया कि राज्य सरकार ने भी मौसम विभाग की चेतावनी को ध्यान में रखते हुए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं।
आपदा प्रबंधन विभाग और सभी जिला अधिकारी लगातार सुरक्षात्मक उपायों की समीक्षा कर रहे हैं। प्रदेश में एसडीआरएफ की सभी टीमें फुल अलर्ट पर हैं। साथ ही वह स्वयं स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।