जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि उनकी पार्टी पीडीपी को तोड़ने की कोशिश की गई तो कई सलाउद्दीन पैदा होंगे। उन्होंने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार के इशारे पर उनकी पार्टी को तोड़ने की कोशिश की जा रही है जिसके गंभीर दुष्परिणाम होंगे। उन्होंने कहा है कि कश्मीर में वैसे ही हालात खराब चल रहे हैं लेकिन पीडीपी के टूटने से हालात और खराब हो जाएंगे और युवा आतंकवाद की ओर आकर्षित होंगे।
उन्होंने कहा कि जिस तरह दिल्ली ने 1987 में यहां के अवाम के वोट में डाका डाला तो सैयद सलाउद्दीन और यासीन मलिक जैसे लोग पैदा हुए वैसे ही यदि दिल्ली ने इस बार यहां के वोटों में कोई तोड़-फोड़ करने की कोशिश की तो उसके बुरे नतीजे होंगे।
पीडीपी में चल रही है बगावत
उल्लेखनीय है कि महबूबा की पार्टी इस समय बगावत के दौर से गुजर रही है। पार्टी के 28 विधायकों में से 10 ने महबूबा मुफ्ती के खिलाफ बगावत का झंडा उठा रखा है। पार्टी के इन विधायकों का आरोप है कि पीडीपी में परिवारवाद को बढ़ावा दिया जाता है। इस प्रकार की भी खबरें हैं कि पीडीपी के ये असंतुष्ट विधायक भाजपा के संपर्क में हैं ताकि भाजपा को बाहर से समर्थन देकर उसकी सरकार बनवा सकें। इस बारे में जम्मू-कश्मीर के वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने बुधवार को राज्य के पार्टी प्रभारी राम माधव से मुलाकात भी की थी।
भाजपा ने बोला जोरदार हमला
इस बीच, जम्मू-कश्मीर भाजपा अध्यक्ष रविंद्र रैना ने महबूबा मुफ्ती के बयान को घोर आपत्तिजनक बताया है और कहा है कि जब महबूबा मुफ्ती मुख्यमंत्री थीं तब हालात को ठीक नहीं कर पाईं और जब सरकार चली गयी तो उन्हें सलाउद्दीन और यासीन मलिक याद आ गये। उन्होंने कहा कि यह दुखदायी है कि आज महबूबा आज ऐसे आतंकवादियों को याद कर रही हैं। उन्होंने कहा कि हम किसी भी पार्टी में तोड़-फोड़ नहीं कर रहे हैं और हमारे संपर्क में किसी पार्टी का कोई विधायक नहीं बल्कि जम्मू, श्रीनगर और लद्दाख की जनता है।
रैना ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में वर्षों से जो जानें जा रही हैं उनके लिए कौन जिम्मेदार है। उनके लिए यासीन मलिक और सलाउद्दीन जैसे लोग जिम्मेदार हैं जोकि पाकिस्तान की मदद से जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर रहे हैं, जो बच्चों को स्कूल और कॉलेज नहीं जाने देते, जो लोगों की हत्याएं कर रहे हैं। रैना ने कहा कि महबूबा सरकार में रहते हुए कुछ और कहती थीं लेकिन अब सरकार से बाहर होते ही बौखला गयी हैं लेकिन ये जो पब्लिक है ये सब जानती है। रैना ने हालांकि इस बारे में कोई जवाब नहीं दिया कि उनकी पार्टी राज्य में सरकार बनाने के लिए कोई प्रयास कर रही है या नहीं।
विपक्ष भी आग बबूला
उधर, पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा है कि पीडीपी के टूटने से कोई नुकसान नहीं होगा बल्कि पीडीपी के शासन में ही राज्य में आतंकवाद को बढ़ावा मिला। पैंथर्स पार्टी के अध्यक्ष भीम सिंह ने भी महबूबा के बयान को गैर जिम्मेदाराना बताया है।