जनवक्ता ब्यूरो सोलन
जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण सोलन द्वारा आज यहां सोलन, किन्नौर, शिमला तथा सिरमौर जिलों के प्रशिक्षित मध्यस्थतों के लिए तीन दिवसीय पुनश्चर्या कार्यक्रम आरंभ हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ जिला एवं सत्र न्यायाधीश सोलन भूपेश शर्मा ने किया। कार्यक्रम सर्वोच्च न्यायालय की मध्यस्थता और समझौता परियोजना समिति एवं हिमाचल प्रदेश विधिक सेवाएं प्राधिकरण के तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है।
भूपेश शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि न्यायिक प्रणाली में मध्यस्थ की भूमिका अहम है। मध्यस्थतों के माध्यम से लंबित मामलों के निपटारे की दिशा में बेहतर प्रयास किया जा सकता है। सभी न्यायालयों में मध्यस्थता केंद्र खोले गए हैं। इन केंद्रों में मध्यस्थता करवाने के लिए प्रशिक्षित मध्यस्थतों की नियुक्ति की गई है। आम नागरिकों को मध्यस्थतों की सेवा निःशुल्क प्रदान की जा रही है। आम नागरिक स्वेच्छा से अपने मामलों का निपटारा मध्यस्थतों के माध्यम से कर सकते हैं।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा कि इस पुनश्चर्या कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य मध्यस्थतों की जानकारी को नवीन कर इनके माध्यम से अधिक से अधिक मामलों का निपटारा सुनिश्चित बनाना है। उन्होंने कहा कि मध्यस्थ के माध्यम से मामलों का स्थायी समाधान संभव है। मध्यस्थ न्यायालय में दोनों पक्षों के मामले के कारण जानकार न्यायालय से बाहर निपटारा करवा सकते हैं। उन्होंने कहा कि न्याय व्यवस्था में मध्यस्थ की भूमिका को स्वीकारी गई है।
मध्यस्थता एवं समझौता परियोजना समिति के पर्यवेक्षक वीरेंद्र कुमार बंसल ने कहा कि मध्यस्थता के माध्यम से न्यायालय में लंबित पड़े मामलों को सुलझाने में न केवल आसानी हो रही है अपितु आम जनता को भी त्वरित न्याय उपलब्ध हो रहा है।
वीरेंद्र कुमार बंसल वर्तमान में दिल्ली उच्च न्यायालय के अधीन अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के रूप में कार्य कर रहे हैं। वे गत 9 वर्षों से मध्यस्थता के संबंध में प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं।
इस अवसर पर जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सचिव एवं अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सोलन मोहित बंसल ने कहा कि तीन दिवसीय इस कार्यक्रम में मध्यस्थता के विभिन्न पहलुआंे पर विचार-विमर्श किया जाएगा। मध्यस्थतों की समस्याओं के संबंध में भी कार्यक्रम में चर्चा की जाएगी।
इस अवसर पर अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सोलन पवन जीत सिंह, मोबाइल ट्रैफिक मैजिस्ट्रेट सोलन गौरव कुमार,न्यायाधीश प्रथम श्रेणी प्रतिभा नेगी, न्यायाधीश प्रथम श्रेणी अनुज बहल, हरियाणा के सिरसा से मध्यस्थ प्रशिक्षक बलबीर कौर गांधी, रोहतक से मध्यस्थ प्रशिक्षक ललित कौशिक, उत्तराखंड से मध्यस्थत प्रशिक्षक चंद्र मोहन बर्थवाल, सोलन से अधिवक्ता देवेंद्र कुमार ठाकुर, राम रतन ठाकुर, सिरमौर से अधिवक्ता आरएस तोमर, जेएस ठाकुर, मोहम्मद इकबाल, एसके अत्री, शिमला जिला के रामपुर से अधिवक्ता बीएस ठाकुर, वाईआर देष्टा, उमेश बाली तथा राकेश चौहान उपस्थित थे।