किशोरावस्था जीवन की अत्यंत महत्वपूर्ण अवस्था है और इस दौरान युवा अपने जीवन की दिशा व उद्देश्यों को तय करते हैं। इस काल में किशोरों की समुचित देखभाल की आवश्यकता रहती है। राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत राज्य में किशोरों की समस्याओं के लिए विशेष स्वास्थ्य केंद्र ‘किशोर मित्र स्वास्थ्य केंद्र’ कार्य कर रहे हैं। किशोरों के अनुकूल स्वास्थ्य क्लिनिकों के माध्यम से प्रदेश के सभी क्षेत्रीय/आंचलिक अस्पतालों में किशोरों को परामर्श और उपचार सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।
हि.प्र. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन निदेशक मनमोहन शर्मा ने बताया कि राज्य के क्षेत्रीय अस्पतालों में बहुत से किशोर नशामुक्ति केन्द्रों तथा अन्य यौन संबंधी बीमारियों के परामर्श व उपचार के लिए आ रहे हैं।
पोषण, युवावस्था, प्रजनन प्रसारित संक्रमण व यौन संचारित संक्रमणों की रोकथाम व गर्भनिरोधक और विवाह व बच्चे के जन्म में देरी जैसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य विषयों पर राज्य के क्षेत्रीय/आंचलिक अस्पतालों में स्थापित सभी किशोर अनुरूप स्वास्थ्य केंद्रों में प्रशिक्षित सलाहकारों के माध्यम से परामर्श सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। इन स्वास्थ्य केंद्रों में साप्ताहिक आयरन फोलिक एसिड व अल्बेन्डाजोल, सेनेटरी नैपकिन, गर्भ निरोधक और जरूरी दवाएं जैसा सामान भी उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।
गंभीर कुपोषण, प्रजनन प्रसारित संक्रमण/यौन संचारित संक्रमण की समस्याएं, मासिक धर्म संबंधी गड़बड़ी, पुरुषों और महिलाओं की यौन चिंताएं, मानसिक स्वास्थ्य सेवा व मानसिक तनाव पर काबू, गैर-संक्रमणीय बीमारियों के उपचार व अन्य आम बीमारियों के उपचार, नशीले पदार्थों के दुरुपयोग पर काबू और गैर-संचारित बीमारियों जैसे उच्च रक्तचाप, मधुमेह इत्यादि की उपचार सेवाएं प्रशिक्षित चिकित्सा अधिकारियों और एएनएम द्वारा उपलब्ध कराई जा रही हैं।
इन केंद्रों में अनचाही गर्भावस्था को रोकने और किशोर गर्भावस्था में देरी के लिए गर्भ निरोधक और आपातकालीन गर्भ निरोधकों और लंबे समय तक उपयोगी गर्भ निरोधकों के प्रावधान पर परामर्श प्रदान किया जाता है। गर्भवती किशोरियों को शीघ्र प्रसव पूर्व पंजीकरण और प्रसव पूर्व और प्रसव बाद की जटिलताओं से बचने के लिए संस्थागत प्रसव सुनिश्चित करने के लिए सलाह दी जाती है। विवाह की उचित आयु और किशोर गर्भावस्था के प्रतिकूल स्वास्थ्य परिणामों पर ग्रामीण स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस के दौरान जागरूकता गतिविधियां आयोजित की जाती हैं। इसक अलावा स्कूल व समुदाय में स्वास्थ्य शिक्षा सत्र आयोजित किए जाते हैं। किशोर लड़कियों में मातृ मृत्यु में कमी लाने में लिए इन केंद्रों में आयरन फॉलिक एसिड प्रदान किया जाता है और पोषण परामर्श के माध्यम से एनीमिया होने की रोकथाम की जाती है। उचित स्वास्थ्य सुविधा परामर्श के माध्यम से, किशोरियों को शीघ्र व सुरक्षित गर्भपात सेवाएं प्रदान की जाती हैं।
किशोरावस्था में यौन संक्रमित बीमारियों और एचआईवी पॉजिटिव मामलों के अनुपात में कमी लाने के लिए इन केंद्रों में प्रशिक्षित चिकित्सा अधिकारी सामान्य जननांग संक्रमण/यौन संचारित संक्रमणों का शीघ््रा उपचार करते हैं। स्वास्थ्य कर्मचारी गोपनीयता, उपचार का पालन, सहयोगी से संपर्क और आगे की कार्यवाही सुनिश्चित करते हैं। एचआईवी संक्रमण को रोकने के लिए आईसीटीसी सुविधाओं के लिए कड़ी और परामर्श स्थापित किया जाता है। मासिक धर्म संबंधी अनियमितता का उपचार और किशोरावस्था की यौन चिंताओं का समाधान उचित स्तर के संस्थान में सुनिश्चित किया जा रहा है।
इन क्लिनिकों को किशोरों के अनुकूल बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने इन केंद्रों का नाम ‘‘युवा परामर्श केन्द्र‘‘ रखा है जिसका उद्देश्य किशोरों को सामाजिक बुराईयों से निजात दिलाना और उन्हें जीवन में सही दिशा चुनने के लिए प्रेरित करना है।