मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने बरसात के मौसम के दौरान अत्यधिक वर्षा और भूःस्खलन के कारण क्षतिग्रस्त हुई सड़कों की तत्काल और गुणवत्तायुक्त मुरम्मत व रख-रखाव सुनिश्चित करने के लिए लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए। मुख्यमंत्री आज यहां राष्ट्रीय राजमार्गों के वर्षा से क्षतिग्रस्त होने पर उनकी मुरम्मत व पुनर्बहाली के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ढलानों को स्थिर करने के लिए रॉक बोल्टिंग जैसी नई तकनीक को अपनाने के प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि निष्पादन एजेंसियों को भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में पर्याप्त श्रमशक्ति व मशीनों की तैनाती सुनिश्चित की जानी चाहिए ताकि भूस्खलन की स्थिति में सड़क को शीघ्र बहाल किया जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार गड्ढों से मुक्त तथा बेहतर सड़कें सुनिश्चित करने को प्राथमिकता दे रही है ताकि यात्रियों को यात्रा करते समय किसी प्रकार की असुविधा न हो।
जय राम ठाकुर ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर वाहनों का आसान प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए इन सड़कों से ढीली मिट्टी और पत्थरों को हटाने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि भारी वर्षा के कारण सड़कों को न्यूनतम नुकसान हो, इसके लिए उपयुक्त जल निकासी तथा परनालियों की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए एक दीर्घकालीन रणनीति तैयार की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि दीवारों, ब्रेस्टवॉलज तथा पैदल मार्गों के निर्माण के दौरान उच्च गुणवत्तायुक्त मानदण्डों को अपनाया जाना चाहिए ताकि ये दुर्गम स्थितियों का सामना कर सकें।
मुख्यमंत्री ने गड्ढों को भरने तथा राष्ट्रीय राजमार्गों की आपात मुरम्मत सुनिश्चित बनाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए और कार्यवाही रिपोर्ट 10 दिनों के भीतर उनके कार्यालय में प्रस्तुत करने को कहा। उन्होंने कहा कि विस्तृत परियोजना रिपोर्ट में मुरम्मत का प्रावधान किया जाना चाहिए ताकि भविष्य में सड़कों की प्रभावी मुरम्मत एवं रख-रखाव सुनिश्चित किया जा सके।
जय राम ठाकुर ने किरतपुर-मनाली फोरलेन पर धीमी गति से कार्य पर नाराज़गी जाहिर करते हुए कहा कि यह सड़क राज्य में पर्यटन की दृष्टि से प्रमुख जीवन रेखा है। उन्होंने निष्पादन एजेंसियों को इस फोरलेन के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए तथा केचमेंट क्षेत्रों में एकत्र जल को निकालने के लिए गैबिनयन दीवारों और कल्वर्टों का निर्माण कर स्थाई पुर्नवाहली सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
भारत सरकार द्वारा स्वीकृत नए राष्ट्रीय राजमार्गो की प्रगति की समीक्षा करते हुए बैठक में अवगत करवाया गया कि 70 नए राष्ट्रीय राजमार्गों में से 3650 किलोमीटर लम्बाई के 58 राष्ट्रीय राजमार्गों की डीपीआर तैयार करने के लिए स्वीकृति पत्र जारी कर दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य की सभी प्रमुख फोरलेन सड़क परियोजनाओं के लिए निष्पादन एजेंसियों को सड़कों की प्रभावी एवं बेहतर गुणवत्ता सुनिश्चित करनी चाहिए। यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि इन सड़कों के निर्माण के कारण यात्रियों तथा सेलानियों को कम से कम असुविधा पहुंचे।
अतिरिक्त मुख्य सचिव लोक निर्माण मनीषा नन्दा ने 2017-18 के दौरान प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अन्तर्गत उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा राज्य को विभिन्न श्रेणियों में हाल ही में नई दिल्ली में प्रदान किए गए तीन पुरस्कारों को मुख्यमंत्री को सौंपा।
श्रीमती नन्दा ने बैठक में मुख्यमंत्री तथा अन्यों का स्वागत करते हुए अवगत करवाया कि भू-स्खलन के कारण 923 सड़कों को नुकसान पहुंचा है, जिनमें से 915 को वाहनों के लिए बहाल कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव एवं गुणवत्ता नियंत्रण प्रकोष्ठ के प्रभारी संजय कुंडू ने बैठक में जानकारी दी कि प्रकोष्ठ ने सड़कों तथा पुलों की गुणवत्ता का पता लगाने के लिए राज्य के चार जिलों-बिलासपुर, मण्डी, कांगड़ा तथा हमीरपुर का दौरा किया है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. श्रीकान्त बाल्दी, लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियन्ता आर.पी. वर्मा और अशोक कुमार चौहान, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के प्रतिनिधि, लोक निर्माण विभाग के वरिष्ट अधिकारी तथा अन्य लोग बैठक में उपस्थित रहे।