कहा, प्रदेश में कारोबार करने की सुगमता में की नई पहल
शिमला
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि हमने हिमाचल प्रदेश को उद्यमियों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य के रूप में बदलने की परिकल्पना की है और पिछले आठ महीनों के दौरान इस दिशा में जो कदम उठाए हैं, उनके सकारात्मक परिणाम सामने आएं हैं। यह बात उन्होंने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) उत्तर क्षेत्रीय परिषद की शिमला में चौथी बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने कहा प्रदेश वैश्विक निर्माण हब के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश ऊर्जा सरपल्स तथा हर मौसम पर्यटन राज्य है। उन्होंने कहा कि एकल खिड़की स्वीकृति, सतत् ढांचागत विकास, समाज कल्याण जैसी राज्य सरकार की खुली एवं विकासात्मक नीतियां राज्य को निवेश के लिए आदर्श गंतव्य बनाती है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश एशिया का सबसे बड़ा फार्मा हब बन चुका है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य में 27436 मैगावाट जल विद्युत उत्पादन की क्षमता है, जिसमें से अभी तक केवल 38 प्रतिशत का दोहन हो पाया है और 2144 मैगावाट क्षमता की 27 परियेजनाओं के लिए निजी क्षेत्र को आमंत्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य ऊर्जा, पर्यटन, कृषि प्रसंस्करण, उद्योग, ढांचागत विकास आदि क्षेत्रों पर विशेष बल दे रहा है। उन्होंने इन क्षेत्रों में निवेशकों को खुला न्यौता देते हुए कहा कि राज्य सरकार उद्योग स्थापित करने में यथा संभव सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि सिरमौर और चंबा में सीमेंट के कारखाने लगाने के लिए राज्य सरकार आगे बढ़ रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने पिछले कुछ महीनों के दौरान औद्योगिक संगठनों की बहुत सी समस्याओं का समाधान किया है और राजनीतिक विरोध के बावजूद राज्य में निवेश के लिए कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धा प्रत्येक क्षेत्र में है और इसके लिए राज्य को तैयार करने के लिए प्रदेश सरकार तत्पर है। उन्होंने कहा कि प्रदेश बहुत से सामाजिक व आर्थिक मानकों में देश के अन्य राज्यों से श्रेष्ठ है और देश का सर्वश्रेष्ठ शासित राज्य है, जहां भ्रष्टाचार न के बराबर है।
उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी द्वारा राज्य को प्रदान किए गए विशेष पैकेज से यहां बड़ी तेजी के साथ औद्योगिक क्रांति आई, लेकिन कुछ कारणों से यह पैकेज बीच में रूक गया, जिसका उद्योगों पर बड़ा प्रभाव पड़ा। उन्होंने औद्योगिक घरानों की सराहना करते हुए कहा कि कम मुनाफे के बावजूद भी राज्य के लिए योगदान कर अपने सामाजिक दायित्व का बखूबी निर्वहन किया, जो महत्वपूर्ण है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि कारोबार करने में सुगमता में हमने बड़ी प्रतिस्पर्धा के बावजूद कम अवधि में काफी सुधार किया है। हालांकि राज्य की भौगोलिक स्थितियां काफी दुर्गम हैं, जहां ढांचागत विकास और क्नेक्टिविटी विशेषकर रेल सम्पर्क बड़ी चुनौतियां हैं। हालांकि राज्य के लिए 70 नये राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण तथा हवाई अड्डों के विस्तार व निर्माण तथा चण्डीगढ़-बद्दी और भानुपल्ली-बिलासपुर-बेरी ब्रॉड गौज रेल लाईनों से क्नेक्टिविटी में आशातीत सुधार आएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में मुख्यमंत्री के हैलीकॉप्टर से हेली-टैक्सी सेवा का संचालन शुरू किया गया है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग आर.डी. धीमान ने हिमाचल प्रदेश में संभावनाओं पर प्रस्तुति देते हुए कहा कि राज्य में निवेश के लिए एक आकर्षक माहौल है। जबावदेह व सुगम सरकारी तंत्र, सर्वश्रेष्ठ सामाजिक व कल्याणकारी मानक, उत्तम, सस्ती व निबार्ध बिजली, सरल प्रक्रिया के अलावा मुख्यमंत्री कार्यालय में हर व्यक्ति की सुगम पहुंच यहां उद्योगों को निवेश के लिए प्रोत्साहित करती हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में वैश्विक मानदण्डों के अनेक प्रमुख ब्राण्ड निर्मित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीआईआई प्रस्ताव प्रस्तुत करें, सरकार इनपर तुरंत विचार करेगी।
उन्होंने कहा कि राज्य में कौशल विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में रखा है। राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में देशभर से सबसे अधिक तकनीकी पाठ्यक्रम हैं, जो बड़े पैमाने पर कुशल श्रमशक्ति तैयार कर रहे हैं। यहां इंजीनियरिंग कालेजों में 8000 सीटें हैं, आईटीआई नेटवर्क देश में सर्वश्रेष्ठ हैं जो उद्योगों की आवश्यकताओं के अनुरूप श्रमशक्ति सुनिश्चित करता है। राज्य में मुख्यमंत्री स्टार्ट-अप योजना, स्वावलंबन योजना शुरू की गई हैं। ई.समाधान शुरू करने वाले देश का पहला राज्य है। राज्य में 28634.64 करोड़ निवेश की 47321 औद्योगिक इकाईयां हैं, जिनमें हजारों युवाओं को रोज़गार मिला है। राज्य के लिए हाल ही में केन्द्र सरकार ने औद्योगिक विकास योजना की घोषणा की है। प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना ऐसी महत्वाकांक्षी योजना है जिसमें राज्य में सीए स्टोर तथा कोल्ड चेन की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। इसके अलावा, रज्जुमार्ग परियोजनाओं के लिए पहले सात वर्षों में किसी प्रकार का वार्षिक लाईसेंस शुल्क नहीं लिया जाएगा।
सीआईआई उत्तरी क्षेत्र के अध्यक्ष संचित जैन ने इस अवसर पर स्वागत करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश औद्योगिक क्षेत्र में एक प्रगतिशील राज्य है और यहां निवेश के लिए उपयुक्त माहौल मौजूद है जो उद्योगपतियों में विश्वास उत्पन्न करता है। उन्होंने राज्य में ढांचागत विकास, कनेक्टिविटी में सुधार तथा बिजली की लागत कम रखने के साथ-साथ कारोबार में आसानी उपलब्ध करवाने की बात कही। उन्होंने कहा कि ट्रक यूनियनें लागत में वृद्धि का बड़ा कारण हैं। उन्होंने कहा कि विशेष पैकेज निश्चित रूप से निवेश को आकर्षित करता है। अन्य छोटी-छोटी रियायतें भी इसमें कारगर सिद्ध होती हैं। उन्होंने सरकार के इस दिशा में प्रयासों की सराहना की और कहा कि भविष्य में और अधिक सुगम व्यापार को सुनिश्चित बनाया जाना चाहिए।
सीआईआई हि.प्र. राज्य परिषद के अध्यक्ष आईएमएसएस सिद्धू ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव संजय कुण्डू, निदेशक उद्योग राजेश शर्मा, निदेशक सूचना एवं जन सम्पर्क अनुपम कश्यप, विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष सुशील नेगी, सीआईआई के क्षेत्रीय निदेशक अंकुर सिंह चौहान, सीआईआई हि.प्र. राज्य के उपाध्यक्ष हरिष अग्रवाल तथा विभिन्न औद्योगिक घरानों के प्रतिनिधियों ने बैठक में भाग लिया।