राज्य सरकार इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज को नवीनतम उपकरणों और प्रौद्योगिकी से सुसज्जित कर राज्य का सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा महाविद्यालय बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज के 52वें स्थापना दिवस एवं सीएमई तथा पूर्व छात्रों के मिलन समारोह की अध्यक्षता करते हुए कही। जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य के स्वास्थ्य मानक देश के अधिकांश राज्यों की तुलना में बेहतर है और इसका श्रेय राज्य के मेहनती और समर्पित चिकित्सकों और अन्य पैरा मेडिकल स्टाफ को जाता है। उन्होंने कहा कि राज्य में आज अकेले सरकारी क्षेत्र में छः मेडिकल कॉलेज हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में सभी स्वास्थ्य संस्थानों में योग्य और पेशेवर चिकित्सक होंगे। उन्होंने कहा कि लोग अपने घरों के नजदीक सर्वश्रेष्ठ स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं प्राप्त कर पाएंगे।
मुख्यमंत्री ने किया आईजीएमसी परिसर में वाटर एटीएम का उद्घाटन
मुख्यमंत्री ने कहा कि आईजीएमसी के 52 साल का सफर उपलब्धियों से भरा हुआ है। उन्होंने कहा कि इस संस्थान से निकले चिकित्सकों ने राज्य और देश का गौरव बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि आईजीएमसी का एक और परिसर शिमला के समीप चामियाना में 150 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह परिसर एक छत के नीचे गुणवत्ता और विशेष स्वास्थ्य सेवाओं को सुनिश्चित करेगा। उन्होंने कहा कि ओपीडी और विशेष वार्डों के लिए करीब 55 करोड़ रुपये की लागत से आईजीएमसी की नई इमारत का निर्माण लगभग पूरा होने वाला है। जय राम ठाकुर ने कहा कि सरकार पर्याप्त श्रमशक्ति और मशीनरी के साथ राज्य के मौजूदा स्वास्थ्य और शैक्षणिक संस्थानों को मजबूत करने पर विशेष बल दे रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने देश के लगभग 50 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान करने के लिए आयुष्मान भारत योजना शुरू की है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत राज्य के 22 लाख लोगों को लाभान्वित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि वित्तीय बाधाओं के कारण राज्य में कोई भी गुणवत्तायुक्त स्वास्थ्य सेवाओं और उपचार से वंचित न रहे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आईजीएमसी परिसर में वाटर एटीएम का भी उद्घाटन किया। उन्होंने अस्पताल का दौरा किया और हाल ही में ट्रैक्स कैब दुर्घटना पीड़ितों का कुशलक्षेम जाना। इस दुर्घटना में शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज के भाई और दो अन्यों ने अपनी जान गंवा दी।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आईजीएमसी की स्मारिका और वार्षिक पत्रिका भी जारी की।
मुख्यमंत्री ने आईजीएमसी के कई पूर्व छात्रों को भी सम्मानित किया।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री विपिन सिंह परमार ने कहा कि इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज ने 1966 में 50 एमबीबीएस सीटों के साथ मेडिकल कॉलेज की शुरुआत की थी और आज यह 100 एमबीबीएस सीटों के साथ राज्य का प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज बनकर उभरा है। उन्होंने कहा कि इस संस्थान के पूर्व छात्रों ने देश में मेडिकल के क्षेत्र में एक विशेष स्थान बनाया है, जो संस्थान और राज्य के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में पर्याप्त चिकित्सक और पैरा मेडिकल स्टाफ की भर्ती की जा रही है।
पीजीआई चंडीगढ के निदेशक व आईजीएमसी के पूर्व छात्र डॉ. जगत राम ने इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए कहा कि जीवन में सफल होने के लिए प्रत्येक को हर रोज लक्ष्य की दिशा में छोटी पहल करनी होगी और जीवनभर छात्र बनकर रहना होगा। इस अवसर पर उन्हें ऑरेशन पदक से सम्मानित किया गया, जिसे डॉ. संजीव शर्मा ने उनकी मां की याद में प्रायोजित किया है। आईजीएमसीए शिमला के प्राचार्य द्वारा उन्हें स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया।
आईजीएमसी के प्राचार्य रवि सी शर्मा ने मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए कहा कि मेडिकल कॉलेज 13 अक्तूबर, 1966 को अपनी स्थापना के बाद से न केवल राज्य बल्कि उत्तरी क्षेत्र के प्रमुख मेडिकल कॉलेजों में शूमार है। उन्होंने कहा कि संस्थान पीड़ित मानवता की सेवा के लिए उत्कृष्ट पेशेवरों को तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध है।
डॉ. पीयूष कपिला ने इस अवसर पर आईजीएमसी के विकास और प्रगति पर प्रस्तुति दी।
कॉलेज के छात्रों ने इस अवसर पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया।
शिमला नगर निगम की महापौर कुसुम सदरेट, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. अशोक शर्मा, वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक आईजीएमसी डॉ. जनक राज, एचओडी रेडियोलॉजी विभाग और आयोजन सचिव डॉ. संजीव शर्मा सहित अन्य लोग भी इस अवसर पर उपस्थित थे।