
जनवक्ता डेस्क बिलासपुर
विधानसभा सदन में जलवायु परिवर्तन पर भी हुई चर्चा में भाग लेते हुए विधायक राजेन्द्र गर्ग ने कहा कि अगला विश्व युद्ध पानी के लिए होगा। जयवायु संकट के कारण पीने के पानी की समस्या विकाराल रूप से सामने है। किसानों के खेतों को पानी न मिलना भी एक बड़ी समस्या है। प्रधानमंत्री जी का लक्ष्य है कि किसानों की आय दोगुनी हो। भूमि कटाव ज्यादा बारिश के कारण होता है और जो किसान खड्डों के किनारे बसते हैं उनको जो परेशानियों का सामना करना पड़ता है वह भी लिए एक चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि ज्यादा बारिश और बाढ़ के कारण किसानों को समस्या का सामना करना पड़ता है। इन सभी चीजों पर विचार करना पड़ेगा ताकि चुनौतियों का सामना कर सकें। इसके लिए प्रदेश के अंदर जहां-जहां जैसा-जैसा संभव हो वहां चैक डैम बनाए जाएं और जहां खड्डें हैं उनका चैनेलाइजैशन किया जाए ताकि बाढ़ के कारण लोगों का नुकसान न हो। उन्होंने कहा कि जो लोग खड्डों के किनारे रहते हैं वे चिंता के कारण ठीक ढंग से सो भी नहीं पाते है। बाढ़ से बचने के लिए जाहू से लेकर घुमारवीं तक जो सीर खड्ड है उसका चैनेलाइजेशन सरकार कर दे तो एक बहुत बड़े संकट से घुमारवीं क्षेत्र को इससे छुटकारा मिलेगा। उन्होंने अवैध खनन से हो रहे संकट पर भी विस्तृत रूप से चर्चा की। उन्हांेने कहा कि जहां अवैध खनन और अत्याधिक खनन की समस्या है वहीं खनन के कारण जल स्तर में कमी आ रही है। विधायक राजेन्द्र गर्ग ने विधानसभा सत्र धर्मशाला के दौरान तारांकित विधान सभा प्रश्न रखे। जिसमें उन्होंने प्रश्न उठाया की सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियों को सरकारी सेवाओं में विलय का केस न्यायालय से वापिस ले लिया था, यदि हां, तो इस मामले में अंतिम निर्णय क्या आया, सरकार इनकी सेवाओं को टेकओवर करेगी और यदि हां, तो कब तक, यदि नहीं, तो कारण। तारांकित प्रश्न का जबाव देते हुए शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बताया कि सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियों का केस नियमितिकरण बारे न्यायालय में था जिस पर न्यायालय ने इनके पक्ष में निर्णय दिया था। इस निर्णय के विरुद्ध सरकार ने माननीय उच्च न्यायालय में एल0पी0ए0 संख्याः66/2015 दायर की थी जिसे बाद में वापिस ले लिया था। सरकार द्वारा एल0पी0ए0 वापिस लेने के परिणामस्वरूप न्यायालय का नियमितिकरण का निर्णय यथावत रहा। सरकार द्वारा तकनीकी कर्मचारियों को क्रमशः 60ः40 के अनुपात में लोक निर्माण एवं सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग में विलय करने का निर्णय लिया है जिसकी प्रक्रिया सम्बन्धित विभागों के विचारधीन है तथा गैर तकनीकी कर्मचारियों के प्रारम्भिक एवं उच्च शिक्षा विभाग में विलय का मामला कार्मिक विभाग के परामर्शानुसार अस्वीकृत किया जा चुका है।