आल इण्डिया फ़ॉरवर्ड ब्लाक का 18वाँ अधिवेशन कलकत्ता में आयोजित किया गया
पार्टी सैनिकों व किसानों की सही माँग को पूरा समर्थन देगी
आज़ाद हिन्द सरकार के झंडे को ही पार्टी का झंडे के रूप में अपनाया जाये गा
सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन की माँग का समर्थन
जनवक्ता डेस्क बिलासपुर
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की पार्टी आल इण्डिया फ़ॉरवर्ड ब्लाक का 18वाँ अधिवेशन कलकत्ता के रामलीला ग्राउंड में 12 दिसम्बर 2018 से 16 दिसम्बर 2018 तक आयोजित किया गया। 21 राज्यों के प्रतिनिधियों ने राष्ट्रीय अधिवेशन में भाग लिया। हिमाचल प्रदेश के 5 प्रतिनिधीयों- प्रदेश अध्यक्ष जेजे सिंह, महा मन्त्री हेत राम शर्मा, ज़िला मंडी के अध्यक्ष गुरूदेव सिंह, सोलन के अध्यक्ष जिया लाल गौतम व सचिव दिनेश गौतम ने शिरकत की। अधिवेशन में राष्ट्रीय कार्यकारिणी का चयन किया गया –
अध्यक्ष- एन वेलापन नायर, उपाध्यक्ष- पी वी काथीरमन, महा सचिव- देव व्रत विश्वास जी के संग राष्ट्रीय सचिव वी० पी० सैनी, जी० देवराजन के संग दस सचिव चुने गये। हिमाचल प्रदेश के प्रदेश अधयक्ष जेजे सिंह को भी सेंट्रल कमेटी में शामिल किया गया। जब कि हिमाचल प्रदेश के प्रदेश महा सचिव हेत राम शर्मा व प्रदेश सचिव बालक राम शर्मा को सेंट्रल काउंसिल में शामिल किया गया। अधिवेशन में विभिन्न मुद्दों को चर्चा के लिए रखा गया, जिन पर गहन विचार व मंथन किया गया। अधिकांश मुद्दों पर सहमती वनी व कार्यवाही जल्द शुरू की जाये गी। मुद्दे जिन पर चर्चा हुई- नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की नीतियों व विचारधारा को जन-जन पहुँचा कर पार्टी की विचारधारा को फैलाया जाये। पार्टी केवल नेताजी की विचारधारा व नीतियों पर ही चले गी व अन्य पार्टीयों से एक समान दूरी बना कर रखी जायेगी। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की आज़ाद हिन्द सरकार के झंडे को ही पार्टी का झंडे के रूप में अपनाया जाये गा। इस के लिए सभी राज्यों से प्रस्ताव देने के लिए कहा गया। नेताजी की नीतियाँ राष्ट्रीयता व राष्ट्र एकता की ही बात करती हैं। अत: धर्म व जाति के आधार पर असमानता का विरोध करते हुये केवल आर्थिकता के आधार पर कमजोर परिवारों को ऊपर लाने का प्रस्ताव सदन के पटल पर लाया गया । आज की सरकार सरकारी कर्मचारियों के अधिकारों का हनन कर रही है, सरकारी कर्मचारियों की “पुरानी पेंशन” की माँग का समर्थन व पुरज़ोर तरीक़े से उठाया जाये गा। पार्टी सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन की माँग का समर्थन करती है व उन के साथ खड़ी है। कांट्रेक्ट निति युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ व उन के समानता के अधिकारों का हनन भी कर रही है पार्टी कांट्रेक्ट नीति का पूर्ण रूप से विरोध कर सरकार पर दवाब बनाये गी। यदि कांट्रेक्ट नीति चलानी ही है तो क्यों न मंत्री व विधायक भी कांट्रेक्ट पर ही रखे जायें। राष्ट्र की रीढ़ की हड्डी, जवान व किसान का सरकारों ने जो तिरस्कार किया है उस से तराही-तराही मची हुई है। पार्टी सैनिकों व किसानों की सही माँग को पूरा समर्थन देगी व साथ चल कर जन मानुष के साथ कंधा से कंधा मिला कर चलेगी। राष्ट्र के प्राकृतिक संसाधनों पर राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक का हक है परन्तु जब स्वार्थ मे पड़ कर सरकारें जन-हित की जगह पार्टी हित व व्यापारिक प्रतिष्ठानों को लाभ पहुँचाने लग पड़े, वह सरकारें आर्थिक साम्राज्यवाद की ही पक्षधर हैं। पार्टी के कार्यकर्ता जन-मानुष तक आर्थिक साम्राज्यवाद की सच्चाई को पहुँचायेगे। किसी राष्ट्र की प्रगति के मायने वहाँ रहने वाले नागरिकों की ख़ुशहाली व प्रगति होनी चाहिये, सरकार द्वारा जनता को दी जा रही मूलभूत सुविधायें होनी चाहिये। सरकार की ज़िम्मेवारी है कि वह अपने नागरिकों को मूलभूत सुविधायें “शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधायें, सुरक्षा” निःशुल्क उपलब्ध करवाये। न कि मूलभूत ज़रूरतों को भी पूँजीवादी व्यवस्था के हवाले किया जाये। मौजूदा व्यवस्था में सरकारें अपने दायित्व से भाग रही हैं।अत: जन-मानुष को अपने अधिकारों के लिए जागरुक कर जन-आंदोलन खड़ा किया जाये गा। आधुनिकीकरण व प्रगति के लिए सड़कों, हवाई अड्डों के जाल के लिए भूमि अधिग्रहण आवश्यक परन्तु उस से कहीं अधिक आवश्यकता है “विस्थापितों को सही समय परा पूरा मुआवज़ा” देने की। पार्टी इस के लिए विस्थापितों के साथ खड़ी हो गी। राष्ट्रवाद व समाजवाद को मूल सिद्धांतों के रूप में अपनाने पर बल दिया जाये गा व तेज़ी से बदलते राजसी वातावरण में क्रान्तिकारी सोच को अपनाने व युवाओं को साथ जोड़ा जाये गा।
