जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
आतमा बिलासपुर द्वारा सदर विकास खण्ड के धारटटोह गांव में शुन्य लागत प्राकृतिक खेती पर आधारित वैकल्पित विधि को अपनाने के लिए साथ लगती 5 पचांयतों से 70 कृषकों व महिलाओं ने भाग लिया। पहले दिन परियोजना निदेशक आतमा बिलासपुर डा0 प्रकाश चन्द ठाकुर ने अध्यक्षता करते हुए कृषकों को शुन्य लागत प्राकृतिक खेती की उपयोगिता, आवश्यकता पर बल देते हुए किसानों को जहर मुक्त अनाज, सब्जियां, दलहन व तिलहन की खेती करने के तरीके बताए।
उन्होने बताया कि रबी 2018¬ 19 से जिला बिलासपुर के 188 कृषकों ने इस खेती को शुरू कर दिया है। आगामी खरीफ 2020 सीजन तक इस खेती को धरातल पर उतारने के लिये 49 सौ कृषकों को लाया जायेगा। जिला, प्रदेश व प्रदेश से बाहर इस खेती को कर रहे माडल खेतों में भ्रमण व प्रशिक्षण पर ले जाया जायेगा। विषयवाद विशेषज्ञ राजेश कुमार ने इस खेती में प्रयोग होने वाली सामग्रियों की जानकारी दी । बी0 टी0एम0 श्री मति रजनी व ए0टी0एम0 हेम सिहं ने भी कृषकों को इस खेती में प्रयोग होने वाली सामग्री जीवामृत को मौके पर उपस्थित कृषकों को बना कर उपयोग विधि भी बताई।
दूसरे दिन उप परियोजना निदेशक आतमा बिलासपुर की उपस्थित में सभी कृषकों को इस विधि की जानकारी देते हुए कृषकों का आहवान करते हुए जानकारी दी कि एक देशी गाय के गोबर व गौमूत्र से 150 बीघा तक खेती की जा सकती है। इस खेती में सीधे तौर पर गोबर खाद व कम्पोस्ट, रासायनिक खाद व कृत्रिम पौध सरक्षण दवाईयों का कोई प्रयोग नही होता। उन्होंने बताया कि शुन्य लागत प्राकृतिक खेती कर रहे कृषकों के खेतों से फूलगोभी, मटर ,पालक ,धनिया व मैथी का उत्पाद निकलना शुरू हो चुका है। उन्होंने बताया कि जिले में लगे सभी प्रर्दशन प्लाटों में अभी तक फसल की स्थिति बहुत अच्छी है।
भाग ले रहे कृषकों , महिलाओं व बागवानों ने इस खेती को करने के लिए इच्छा व्यक्त करते हुए आगामी समय में सब्जियंा ,फल व बगीचों में इस खेती को करने का मन बना लिया है ताकि किसान स्वय्ां, परिवार ,गावं ,प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर 2022 तक अपनी आमदन दुगनी कर सकें।