पूर्व डीजीपी आईडी भंडारी द्वारा लिखित पुस्तक मिड नाईट रेड का हुआ विमोचन
जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
एक सच्चा दोस्त ही दोस्त को सही तरीके से पहचान सकता है। सत्ता पक्ष से भिड़ने के लिए जिगर की आवश्यक्ता होती है। लेकिन बिलासपुर के इस सूरमें ने वो कारनामा कर दिखाया जिसकी कल्पना करने से भी कई ब्यूरोक्रेटस भय खाते हैं। मिड नाईट रेड उन सभी घटनाओं का आईना है जो सत्ता की कुछ समय की ताकत के दम पर किसी ईमानदार आफिसर को तंग तो कर सकती है लेकिन उसका जमीर नहीं खरीद सकती। यह बात बिलासपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि शिरकत करते हुए पंजाब राज्य के पूर्व डीजीपी राजेंद्र सिंह ने कही। मौका था बिलासपुर जिले के पहले आईपीएस एवं पूर्व डीजीपी आईडी भंडारी द्वारा लिखित पुस्तक मिड नाईट रेड यानि आधी रात को शाही धावा के विमोचन का। पूर्व डीजीपी पंजाब ने बताया कि उन्होंने एक साथ ट्रेनिंग की और अलग अलग राज्यों में पुलिस के विभिन्न पदों पर सेवाएं भी दी हैं। इसलिए वे आईडी भंडारी को अच्छे तरीके से जानते हैं। उन्होंने कहा कि फोन टैपिंग मामले में एक ईमानदार आफिसर को भले ही कुछ समय तक सत्ता पक्ष के कुछ रसूखदारों द्वारा तंग किया गया हो लेकिन माननीय अदालत से वे बेदाग होकर निकले। उन्होंने कहा कि आईडी भंडारी की सोच बहुत ऊंची है। वह किसी जात पात या अंधविश्वास को नहीं मानते हैं और न ही किसी को आगे करने के लिए किसी के सहारे को उपयुक्त मानते हैं। यही कारण है कि धुन के पक्के इस युवा ने अकेले तत्कालीन प्रभावशाली सत्ता प़क्ष के मुखिया से पंगा लिया और स्वयं को बेदाग साबित करने के लिए पूरी मेहनत की। जिसके सकारात्सक परिणाम भी सामने आए।
जयराम ठाकुर सरकार से मांग कि ऐसे ईमानदार एवं कर्मठ पुलिस अधिकारी की एक बार फिर से शान से विदाई की जानी चाहिए : वीरेश शांडिल्य
एंटी टैरोरिस्ट फ्रंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने कहा कि यह भी बड़ी शर्म की बात है कि एक पुलिस आफिसर पर जब कोई बात आई तो कोई सहयोगी खड़ा न हुआ। बावजूद इसके आईडी भंडारी ने अपनी लड़ाई स्वयं लड़ी और सता के हुक्मरानों के साथ-साथ दुनिया को बता दिया कि ईमानदारी अगर हो तो सत्य की आज भी जीत होती है। शांडिल्य ने कहा कि सेवानिवृति के समय एक ईमानदार आफिसर का इन परिस्थितियों से गुजरना अफसोस जनक है। उन्होंने जयराम ठाकुर सरकार से मांग की है कि ऐसे ईमानदार एवं कर्मठ पुलिस अधिकारी की एक बार फिर से शान से विदाई की जानी चाहिए ताकि पूरे देश में यह संदेश जाए कि राजनीति में सभी एक जैसी सोच वाले नेता नहीं होते। आई डी भण्डारी ने अपने सम्बोधन में कहा कि इस पुस्तक में उन्होने अपने पुलिस सर्विस कार्यकाल के खट्टे मिट्ठे अनुभवों और फोन टेपिंग के नाम पर उनके विरुद्ध पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह द्वारा की गई आक्रामक कार्यवाही का भी विवरण दिया है , जिससे पुलिस में चलाई गई संस्कृति का आम जनता को अनुभव और आभास भी मिलता है । कार्यक्रम में प्रो. डीआर चौहान ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम में कुशल मंच संचालन संजीव डोगरा ने किया।
अपने बचपन के गुरू का किया सम्मान
पुस्तक विमोचन के मौके पर पूर्व डीजीपी आईडी भंडारी ने अपने प्राईमरी स्कूल के शिक्षक सहज राम शर्मा को मंच पर लाकर उनका सम्मान किया। गौर हो कि भंडारी हर कार्यक्रम में अपने गुरूओं को याद करना नहीं भूलते।
कार्यक्रम में हाथों हाथ बिकी मिड नाईट रेड
पूर्व डीजीपी आईडी भंडारी द्वारा लिखित मिड नाईट रेड पुस्तक विमोचन होने के तुरंत बाद बिकना शुरू हो गई। लोगों ने पुस्तक को हाथों हाथ लिया। इसके मुद्रक शंकर प्रिंटिंग प्रेस के डायरेक्टर पंकज शर्मा की माने तो पहले दिन करीब पांच सौ पुस्तकों की ब्रिकी हुई। उन्होंने बताया कि पुस्तक को खरीदने के लिए हर कोई उतावला दिखा।
उपस्थिति
कार्यक्रम में पूर्व आईएसएस देवराज शर्मा, प्रो. डीआर चौहान, एमसी ठाकुर, एंटी टैरोरिस्ट फ्रंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य, केसी सांख्यान, संजीव डोगरा, सतीश शर्मा, चमन लाल, रजनीश शर्मा सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे।