जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
विश्व मानव कल्याण संस्थान के अध्यक्ष डा. टीपी पांडेय ने कहा है कि अगर देश में ईवीएम से चुनाव होते रहे तो मोदी भारत के स्थाई प्रधानमंत्री बन जाएंगे। वह बिलासपुर में पत्रकारों से बात कर रहे थेे। उन्होंने कहा कि देश के राजनीतिक इतिहास में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं । समाज के दलित उपेक्षित वर्गों की सत्ता में भागीदारी भी बढ़ी है । लेकिन इसे भी अब ईवीएम के माध्यम से सत्ताधारी पार्टी ने पूरे तौर से हाईजैक कर लिया है। ईवीएम से चुनाव कराने की यह कैसी व्यवस्था है जिसमें अनेकों प्रमाण हमारे सामने आये हैं। इसलिये पूरे देश में ईवीएम का लगातार विरोध हो रहा है, और आज आये नतीजों के बाद से तो जनता का इस पर से काफी कुछ विश्वास ही खत्म हो जायेगा। जबकि इस मामले में देश की अधिकतर पार्टियों का चुनाव आयोग में यह कहना रहा है कि ईवीएम के बजाये बैलट पेपर से चुनाव कराए जाएं। चुनाव आयोग और भाजपा को इस पर आपत्ति क्यों होती है. न तो चुनाव आयोग तैयार है और न ही भाजपा मानने को तैयार है तो इसका मतलब कुछ तो गड़बड़ है। शायद जापान द्वारा निर्मित व प्रचारित ईवीएम को किन्ही कारणो से चुनाव की प्रक्रिया से निकाल दिया है। भारत विकास शील देश है .भारत के लोग प्रबुद्ध लोग है । एकबात तो निश्चित है कि जिस जनता ने ईवीएम माध्यम से जिसे वोट दिया है बैलेट पेपर से भी उसे ही वोट देगे । भारत को छोड कर शायद ही कोई देश ईवीएम के माध्यम से चुनाव करवाता होगा। भारत के एक बडे समूह का मानना है कि एक बार बैलेट पेपर वोट हो जाना चाहिए । ये स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री मोदी ही रहेंगे स्थाई रूप से लेकिन बैलेट पेपर से चुनाव होने से लोगों को ईवीएम पर भी विश्वास हो जाएगा। उन्होने कहा कि 2019 के चुनाव मे कोई वादे नही हुए जबकि पहले काम करने की फैहरिस्त दिखा कर वादे किए जाते थे इस बार ऐसा शायद नही हुआ। वैसे भी जिसमे जनता प्रसन्न है उसे ही लोकतंत्र कहते हैं।