जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
व्यवसायिक भवनों में बिजली की खपत कम करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता-2018 के सम्बन्ध में अधिसूचना जारी की है। देश में इस प्रकार की संहिता लागू करने वाला हिमाचल पहला राज्य है। इस संहिता के प्रावधानों को नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग के नियमों में समयोजित करने के उपरान्त संहिता को नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग द्वारा प्रदेश में कार्यन्वित किया जाएगा। ऊर्जा निदेशालय के एक प्रवक्ता ने आज यहां कहा कि यह संहिता भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय के ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी द्वारा ऊर्जा संरक्षण अधिनियम-2001 के तहत बनाया गया है और प्रत्येक राज्य को प्रभावी कार्यान्वयन के लिए स्थानीय जलवायु परिस्थितियों के आधार पर संहिता में संशोधन करने और अधिसूचित करने की आवश्यकता है। एचपीईसीबीसी एवं नियम, 2018 के अनिवार्य कार्यान्वयन के अनुसार प्रत्येक व्यावसायिक भवन जैसे कि शैक्षणिक संस्थान, शॉपिंग परिसर, होटल, अस्पताल, और मल्टीप्लेक्स आदि जिसका क्षेत्र 750 वर्ग मीटर या इससे अधिक हो, उन सभी भवनों को हिमाचल प्रदेश में ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता व नियम, 2018 के अनुसार ही भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान की जाएगी। एचपीईसीबीसी-2018 से व्यावसायिक भवनों की ऊर्जा खपत मांग को 30 प्रतिशत तक कम करने की उम्मीद है। संहिता में उल्लिखित प्रावधानों के आधार पर हिमाचल प्रदेश में जलवायु क्षेत्रों को दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है अर्थात, समुद्र तल से 1600 मीटर की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ठंडी जलवायु परिस्थितियों की आवश्यकता होगी और समुद्र तल से 1600 मीटर से नीचे के क्षेत्रों को कम्पोजिट जलवायु परिस्थितियों का पालन करने की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के बहुउद्देशीय परियोजना एवं ऊर्जा विभाग तथा ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (भारत सरकार) के अन्तर्गत ऊर्जा निदेशालय इस संहिता पर ईसीबीसी सेल हिमाचल प्रदेश के तौर पर कार्य कर रही नई दिल्ली की मेसर्स ग्लोबल इवोल्यूशनरी एनर्जी डिजाइन के सहयोग से पिछले दो वर्षों से निष्ठा से कार्य कर रहा है। ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता व नियम, 2018 को नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग, हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग, हिमुडा, शहरी विकास विभाग, हिमऊर्जा, एचपीएसईबीएल, ग्रामीण विकास विभाग जैसे हितधारक विभागों के साथ परामर्श के बाद तैयार किया गया है। ऊर्जा निदेशालय ने राज्य के प्रत्येक जिले में सम्बन्धित हितधारकों की क्षमता निर्माण के लिए लगभग 25 ईसीबीसी जागरूकता कार्यशालाएं और प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए हैं।