हरिद्वार। उत्तराखण्ड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा बिना किसी पूर्व सूचना अथवा सहमति के आश्रम व धर्मशालाओं को नोटिस देकर 31 मार्च 2020 तक आश्रम, धर्मशाला के संचालन हेतु विभागीय सहमति प्राप्त करने के निर्देश दिये थे। जिससे आश्रम, धर्मशाला प्रबंधकों में रोष व्याप्त हो गया था। हरिद्वार क्षेत्रीय धर्मशाला प्रबंध समिति के बैनर तले आश्रम, धर्मशाला प्रबंधकों ने निष्काम सेवा ट्रस्ट में बैठक का आयोजन कर शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक को उत्तराखण्ड पर्यावरण संरक्षण नियंत्रण बोर्ड द्वारा एक तरफा कार्रवाई पर आक्रोश व्यक्त करते हुए अपनी समस्याओं से अवगत कराया।
क्षेत्रीय पार्षद व धर्मशाला प्रबंधक सभा के संरक्षक अनिरूद्ध भाटी ने कहा कि तीर्थनगरी हरिद्वार में सैकड़ों आश्रम व धर्मशालाएं तीर्थयात्रियों को न्यूनतम सेवा शुल्क लेकर आश्रय उपलब्ध कराती हैं। उत्तराखण्ड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सीवर का कनेक्शन लेने वाले आश्रम व धर्मशालाओं को भी एसटीपी प्लांट लगाने के लिए बाध्य कर रहे हैं। महेश गौड़ व श्यामसुन्दर शर्मा ने कहा कि विभाग बिना विश्वास में लिये नियमों को थोपने का काम कर रहा है। जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि प्रदेश सरकार आश्रम, धर्मशालाओं के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। किसी भी विभाग द्वारा तीर्थनगरी की पहचान आश्रम व धर्मशालाओं का उत्पीड़न नहीं होने दिया जायेगा। उन्होंने मौके पर ही उत्तराखण्ड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के उच्चाधिकारियों से वार्ता कर समस्या के समाधान के निर्देश दिये। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि सोमवार को वह स्वयं विभागीय अधिकारियों व आश्रम, धर्मशाला संगठनों के पदाधिकारियों की संयुक्त बैठक कर समस्या का निदान करवायेंगे। इस अवसर पर बैठक का संचालन श्यामसुन्दर शर्मा व अवधेश कुमार ने संयुक्त रूप से किया।
इस अवसर पर बैठक में मुख्य रूप से हरिद्वार क्षेत्रीय धर्मशाला प्रबंध समिति के अध्यक्ष गोपाल सिंघल अध्यक्ष, महामंत्री अवधेश कुमार, संयुक्त महामंत्री श्यामसुन्दर शर्मा, उपाध्यक्ष रामवतार शर्मा, डाॅ. हर्षवर्द्धन जैन, कोषाध्यक्ष प्रदीप शर्मा, स्वामी तत्वानन्द जी महाराज, अमित शर्मा, भक्त दुर्गादास, हेमनारायण अग्रवाल, दिनेश शर्मा, महेश गौड़, रमेश भाई ठाकर, पार्षद अनिल मिश्रा, विनित जौली, भूपेन्द्र कुमार, शिवकुमार शर्मा, सुनील तिवारी, संदीप, महेन्द्र शर्मा, ललित शर्मा, गुरूदेव राणा, कैलाश चेतन, गुरूवचन सिंह, हौसला प्रसाद, उमेश पाण्डे, अशोक कनौत्रा समेत अनेक धर्मशाला प्रबंधक उपस्थित रहे।