देहरादून कागजों में कोरोना वायरस रोकने के लिए प्रदेश सरकार का अभियान सफल दिख रहा है। खुशकिस्मती से कोरोना संक्रमण का कोई नया मामला पिछले पांच दिन से सामने नहीं आया है लेकिन यह विशुद्ध किस्मत का खेल भी लग रहा है। दरअसल अस्थाई राजधानी देहरादून जहां से खुद मुख्यमंत्री पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं, वहां संक्रमण फैलने के लिए जमीन बहुत उपजाऊ है।
लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन पूरी तरह से नहीं कर रहे हैं तो तमाम दावों के विपरीत प्रशासन जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच पा रहा है। इसकी वजह से लोग खुद ही उनके लिए खाने-पीने का इंतजाम कर रहे हैं और इससे वायरस फैलने का खतरा बढ़ रहा है। पूर्व में सूचना आई थी कि कुछ लोग नेतागिरी चमकाने के चक्कर में राशन बांटने के नाम पर लोगों को इकट्ठा कर उनके नाम-पते नोट कर रहे हैं। इसके बाद पहले देहरादून के जिलाधिकारी ने और फिर बीती 10 अप्रैल को मंत्रिमंडल ने आदेश जारी किया कि जरूरतमंद को मदद जिला प्रशासन से जरिए ही की जा सकेगी। कोई भी व्यक्ति या संस्था ऐसा नहीं करती नजर आ रही है। ताकि सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखा जा सके। इस मामले में भी संस्थाएं या जनप्रतिनिधि भूखों को राशन बांटने के मामले में खुद को चमकाने का काम कर रहे है। राशन बांटने को लेकर शहर भर में खुद को चमकाने की होड़ सी मची हुई है। नेता व संस्थाएं गरीबों को राशन वितरित करते हुए अपनी तस्वीरें फेसबुक आदि सोशल साईटों में डालकर खुद का बखान करने पर तुले है।